जबलपुर। ब्रेन ट्रेन स्कूल (दशमेश द्वार, मदन महल) में गणेश उत्सव पर सर्वप्रथम गणेश जी की आराधना की गई। बच्चों को बताया गया कि बुद्धि के देवता गणेश जी जहां प्रतिष्ठित होते हैं, वहां समृद्धि, सौभाग्य और वैभव सदैव विद्यमान रहता है।
गणेश जी के जन्म की कथा को नाट्य रूपांतरण के माध्यम से बच्चों को समझाया गया, जिसमें देवी पार्वती द्वारा मिट्टी के पुतले में प्राण डालने की प्रक्रिया को दिखाया गया। बच्चों ने इस नाटिका को अत्यंत कलात्मकता से प्रस्तुत किया, जिससे उन्होंने गणेश जी की महत्ता को आत्मसात किया।
ब्रेन ट्रेन स्कूल के संचालक सुगंध अग्रवाल और प्रिंसिपल आयुषी तिवारी ने बच्चों को समझाया कि गणेश जी की आराधना अत्यंत सरल और प्रभावशाली है। उन्होंने कहा कि मिट्टी की गणेश प्रतिमा को घर पर ही जल (बड़ी बाल्टी या टब) में विसर्जित किया जाना चाहिए, जिससे पूरे घर पर गणेश जी का आशीर्वाद स्थायी रूप से बना रहे।
गणेश जी की विदाई को भी एक विशेष अनुष्ठान के रूप में देखा जाता है। सभी बच्चों ने यह प्रण लिया कि वे गणेश जी का विसर्जन अपने घरों में ही करेंगे, ताकि उनकी कृपा सदैव उनके परिवार पर बनी रहे।
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