नई दिल्ली | सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला देते हुए सोमवार को कहा कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी (अश्लील सामग्री) देखना और डाउनलोड करना पॉक्सो कानून तथा सूचना प्रौद्योगिकी कानून के तहत अपराध है। अदालत ने सुझाव दिया कि संसद को कानून में संशोधन कर ‘चाइल्ड पोर्नोग्राफी’ शब्द को बदलकर ‘बच्चों के साथ यौन शोषण और अश्लील सामग्री’ करने पर विचार करना चाहिए। साथ ही अदालतों से ‘चाइल्ड पोर्नोग्राफी’ शब्द का इस्तेमाल न करने को कहा। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने मद्रास हाईकोर्ट के उस आदेश को सोमवार को रद्द कर दिया, जिसमें कहा गया था कि चाइल्ड पॉर्नोग्राफी देखना और डाउनलोड करना पॉक्सो तथा सूचना प्रौद्योगिकी कानून के तहत अपराध नहीं है।
चाइल्ड पोर्न देखना, डाउनलोड करना अपराध : सुप्रीम कोर्ट
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