नई दिल्ली। भारत की प्रमुख दवा कंपनियों सन फार्मा (Sun Pharma), टॉरेंट फार्मा (Torrent Pharma), एल्केम लैबोरेटरीज (Alkem Laboratories), और ग्लेनमार्क (Glenmark) ने केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) द्वारा जारी की गई रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि रिपोर्ट में शामिल दवाओं को उन्होंने नहीं बनाया है और ये सभी नकली हैं। इन कंपनियों ने अपने उत्पादों की गुणवत्ता पर पूरा भरोसा जताते हुए कहा कि उनके द्वारा बनाई गई दवाएं सभी आवश्यक मानकों पर खरी उतरती हैं।
- 50 से अधिक दवाएं गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं
सीडीएससीओ की ताजा रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है कि 50 से अधिक दवाओं के नमूने, जिनमें पैरासिटामोल, पैन डी, कैल्शियम और विटामिन डी3 की खुराक और मधुमेह रोधी गोलियां शामिल हैं, गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं हैं। यह रिपोर्ट फार्मा उद्योग और स्वास्थ्य क्षेत्र में चिंता का विषय बन गई है।
- कंपनियों ने दिए स्पष्टीकरण
सन फार्मा के प्रवक्ता ने कहा, "हमने इस मामले की जांच की और पाया कि पल्मोसिल (सिल्डेनाफिल इंजेक्शन) बैच नंबर केएफए0300, पैंटोसिड (पैंटोप्राजोल टैबलेट) बैच नंबर एसआईडी2041ए और उर्सोकोल 300 (उर्सोडोक्सीकोलिक एसिड टैबलेट) बैच नंबर जीटीई1350ए नकली हैं। ये उत्पाद हमारे द्वारा निर्मित नहीं किए गए हैं।"
टॉरेंट फार्मा ने भी अपने बयान में कहा कि उनके उत्पादों का स्वतंत्र आकलन किया गया है, और जब्त किए गए नमूनों को नकली पाया गया है। इसी तरह, एल्केम लैबोरेटरीज के प्रवक्ता ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी, "हमें यकीन है कि सूची में शामिल उत्पाद नकली हैं, और एल्केम ने इनका उत्पादन नहीं किया है। हम इस मामले में संबंधित अधिकारियों से लगातार संपर्क में हैं।"
ग्लेनमार्क के प्रवक्ता ने भी सीडीएससीओ की रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा, "रिपोर्ट में शामिल उत्पाद हमारे द्वारा निर्मित या वितरित नहीं किए गए हैं। ये नकली हैं और हमने इसका निर्माण नहीं किया।"
- अधिकारियों से बातचीत जारी
कंपनियों ने कहा कि वे नियामक प्राधिकरण के साथ मिलकर इस मुद्दे पर आगे की जांच कर रही हैं ताकि नकली दवाओं की पहचान की जा सके और बाजार से हटाया जा सके। वहीं, स्वास्थ्य क्षेत्र में नकली दवाओं का प्रसार गंभीर चिंता का विषय बनता जा रहा है और इस पर सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है।
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