भारतीय शिक्षण मंडल महाकौशल प्रांत विजन फार विकसित भारत भव्य आयोजन
- विकसित भारत की परिकल्पना के लिए समय की आवश्यकता
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रोफेसर राजेश वर्मा कुलगुरु रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर में अपने उद्बोधन में कहा कि विजन का विकसित भारत की परिकल्पना हेतु शोध के माध्यम से अनुकूल परिवर्तन करना समय की आवश्यकता है | समयपूर्व भारत राष्ट्र को विकसित भारत बनाने हेतु हम सभी की सहभागिता एवं समर्पण की अति आवश्यकता है |
- राष्ट्र के सामने अनेक चुनौतियां
सारस्वत अतिथि डॉ. पीके मिश्रा कुलगुरु जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर ने कहा कि वर्तमान में राष्ट्र के सामने अनेक चुनौतियां हैं | जल पर्यावरण खाद्य पदार्थ एवं जलवायु परिवर्तन इन सब चुनौतियों से बेहतर अनुसंधान के द्वारा ही आगे बढ़ा जा सकता है और समाधान निकाला जा सकता है|
मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित प्रो. गोवर्धन दास निदेशक आईआईएसईआर भोपाल ने कहा कि वर्तमान में नई तकनीक नवाचार एआई, नैनो एवं डिजिटल तकनीक पर शोध तेजी से बढ़ रहे हैं | हमारे युवाओं को इस क्षेत्र में बेहतर कार्य करने हेतु आगे आना होगा, ताकि हम फिर से विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर हो सकें |
विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डॉ. संजय पाठक भारतीय शिक्षा मंडल ने कहा कि हम सब में मानव प्रकृति, संस्कृति और उन्नति की दिशा में आगे आना होगा | कार्यक्रम में सभी सम्मानित अतिथियों का शाल श्रीफल एवं तुलसी माला, स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया गया | कार्यक्रम में सभी चयनित शोधार्थियों को शोध पत्रों के लेखन हेतु प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह दिए गए |
कार्यक्रम का संचालन डॉ. शेखर सिंह बघेल प्रचार प्रमुख भारतीय शिक्षा मंडल महाकौशल प्रांत और आभार प्रदर्शन डॉ. ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने किया |
कार्यक्रम में संगठन गीत डॉ. अरुण कांत पांडे, ध्येय श्लोक दीदी रत्ना मिश्रा, ध्येय वाक्य डॉ. ब्रजेश दत्त अरजरिया द्वारा प्रस्तुत किया गया | कार्यक्रम में तीन प्रांत (महाकौशल मालवा एवं मध्य क्षेत्र) संगठन मंत्री कौशल प्रताप सिंह की विशेष उपस्थिति रही| साथ ही पालक अधिकारी के रूप में डॉ. ब्रह्मानंद त्रिपाठी, डॉ. योगेश मोहन दुबे, डॉ. एचएन मिश्रा, डॉ. संदीप शुक्ला, डॉ. नीतू जाट डॉ. अनुराग सिंह, डॉ. आरके पटेल, एड. अनमोल ऋषि, डॉ. संजीव सिंह उपसंचालक भोज यूनिवर्सिटी, प्रभारी प्राचार्य डॉ. माथुर आदि का विशेष सहयोग रहा | कार्यक्रम में विभिन्न विश्वविद्यालय महाविद्यालय की प्राचार्य, शिक्षक एवं छात्र-छात्राओं की उपस्थिति रही |
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