हैदराबाद। दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जी.एन. साईबाबा के परिवार के सदस्यों ने रविवार को कहा कि साईबाबा की इच्छा के अनुसार उनका पार्थिव शरीर यहां के सरकारी मेडिकल कॉलेज को दान कर दिया जाएगा। परिजनों ने बताया कि पार्थिव शरीर 14 अक्तूबर को गांधी मेडिकल कॉलेज को सौंप दिया जाएगा। माओवादियों से कथित संबंधों के एक मामले में महज सात महीने पहले बरी किए गए दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के पूर्व प्रोफेसर साईबाबा का ऑपरेशन के बाद की समस्याओं के कारण शनिवार को यहां एक सरकारी अस्पताल में निधन हो गया था। वह 58 वर्ष के थे। परिवार ने बताया कि निम्स के शवगृह में रखे गए साईबाबा के पार्थिव शरीर को 14 अक्तूबर को गन पार्क ले जाया जाएगा और वहां से उनके भाई के आवास पर ले जाया जाएगा तथा सार्वजनिक रूप से श्रद्धांजलि देने के लिए रखा जाएगा। इसके बाद एक शोक सभा का आयोजन किया जाएगा। साईबाबा पित्ताशय के संक्रमण से पीड़ित थे और दो सप्ताह पहले उनका ऑपरेशन हुआ था जिसके बाद जटिलताएं पैदा हो गईं। साईबाबा की बेटी मंजीरा नेबताया, ‘यह (शरीर दान करना) हमेशा से उनकी (साईबाबा) इच्छा रही है। हमने पहले ही एलवी प्रसाद नेत्र संस्थान (हैदराबाद) को उनकी आंखें दान कर दी हैं और उनका पार्थिव शरीर भी कल दान कर दिया जाएगा। बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने माओवादियों से कथित संबंध मामले में साईबाबा एवं पांच अन्य को मार्च में बरी कर दिया था। अदालत ने उनकी आजीवन कारावास की सजा भी रद्द कर दी थी।
प्रोफेसर साईबाबा का पार्थिव शरीर मेडिकल कॉलेज को किया जायेगा दान
अक्षर सत्ता
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