नई दिल्ली। कांग्रेस ने चुनाव प्रचार के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा समाज में विभाजनकारी बयानबाज़ी किए जाने के मुद्दे पर चुनाव आयोग से शिकायत की है। कांग्रेस के नेताओं का आरोप है कि भाजपा चुनाव में लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से समाज को धार्मिक और जातिगत आधार पर बांटने का प्रयास कर रही है, जो कि संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है।
चुनाव आयोग से मुलाकात के बाद कांग्रेस सांसद शशिकांत सेंथिल और वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांतो सेन ने बताया कि कांग्रेस की ओर से कुल 8 शिकायतें आयोग को सौंपी गई हैं। इन शिकायतों में से कुछ पर आयोग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए कुछ अधिकारियों के तबादले पर भी विचार किया है। महिला कांग्रेस द्वारा दर्ज की गई एक शिकायत पर आयोग ने पहले ही प्राथमिकी दर्ज कर ली है।
इसके अतिरिक्त, कांग्रेस ने झारखंड और महाराष्ट्र में सोशल मीडिया पर चल रहे ऐसे विज्ञापनों की शिकायत भी की है जो कथित तौर पर एक समुदाय विशेष के खिलाफ हैं। एक अन्य शिकायत में असम की स्थिति का जिक्र है, जिस पर आयोग ने पहले से ही आदेश जारी किए हैं।
कांग्रेस ने झारखंड में राज्यपाल की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं, जहां आरोप है कि राज्यपाल जमशेदपुर में राजनीतिक गतिविधियों में संलग्न हैं। इस पर चुनाव आयोग ने आश्वासन दिया है कि इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार किया जाएगा और आवश्यक जांच की जाएगी। कांग्रेस का कहना है कि समाज को बांटने की कोशिशें अस्वीकार्य हैं और उन्होंने आयोग से इस प्रकार की गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग की है।
कुल मिलाकर, कांग्रेस का उद्देश्य विभाजनकारी राजनीति को रोकने और चुनाव प्रचार में उचित मर्यादा बनाए रखने के लिए आयोग से कड़ी कार्रवाई करवाने का है।
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