बरेली। रविवार सुबह बरेली के खलपुर-दातागंज मार्ग पर हुए एक हृदयविदारक सड़क हादसे में तीन लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। दुर्घटना तब हुई जब एक कार निर्माणाधीन पुल के अधूरे हिस्से से फिसलकर सीधे रामगंगा नदी में गिर गई। घटना सुबह करीब 10 बजे की बताई जा रही है।
इस त्रासदी के पीछे एक गंभीर तकनीकी भूल सामने आई है। चालक ने जीपीएस नेविगेशन पर भरोसा किया, जो उसे पुल की ओर निर्देशित करता रहा। पुल का एक बड़ा हिस्सा इस साल आई बाढ़ में ध्वस्त हो चुका था, लेकिन यह जानकारी जीपीएस प्रणाली में अद्यतन नहीं की गई थी। पुल पर न तो कोई बैरिकेड था और न ही चेतावनी संकेत, जिससे चालक संभावित खतरे को भांप नहीं सका। नतीजतन, तेज रफ्तार कार सीधे नदी में जा समाई।
- प्रशासन की चूक बनी हादसे का कारण
क्षेत्राधिकारी आशुतोष शिवम ने घटना की जानकारी देते हुए बताया, “बाढ़ के दौरान पुल का अग्र भाग बह गया था, लेकिन यह बदलाव डिजिटल मानचित्रों में दर्ज नहीं हो सका। पुल पर सुरक्षा संकेतों की अनुपस्थिति ने दुर्घटना की गंभीरता को और बढ़ा दिया।”
हादसे की सूचना मिलते ही बरेली और बदायूं के दातागंज थाना क्षेत्र की पुलिस टीमों ने मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य शुरू किया। कार को नदी से बाहर निकालने के दौरान उसमें फंसे मृतकों के शव बरामद किए गए। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है, लेकिन अब तक मृतकों की शिनाख्त नहीं हो सकी है। फिलहाल पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है।
- सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
यह हादसा प्रशासन और निर्माण एजेंसियों की कार्यशैली पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है। निर्माणाधीन पुलों और उनके आसपास पर्याप्त सुरक्षा संकेतकों और बैरिकेड्स की अनुपस्थिति बड़े हादसों को निमंत्रण देती है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की दुर्घटनाओं को टालने के लिए स्थानीय प्रशासन को फौरन ऐसे संवेदनशील क्षेत्रों में चेतावनी बोर्ड और बैरिकेड लगाना चाहिए।
भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचने के लिए सतर्कता और त्वरित कार्रवाई समय की मांग है।
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