पुनः परीक्षा का अवसर, स्कूल से निष्कासित नहीं किया जाएगा,
इस संबंध में राज्य ले सकते हैं अपना निर्णय
अधिसूचना में कहा गया, ‘‘यदि पुनः परीक्षा में बैठने वाला छात्र पदोन्नति (अगली कक्षा में जाने की अर्हता) के मानदंडों को पूरा करने में असफल रहता है, तो उसे पांचवीं या आठवीं कक्षा में ही रोक दिया जाएगा।’’ हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया है कि किसी भी बच्चे को प्रारंभिक शिक्षा पूरी होने तक स्कूल से निष्कासित नहीं किया जाएगा।
शिक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, यह अधिसूचना केंद्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों और सैनिक स्कूलों सहित केंद्र सरकार द्वारा संचालित 3,000 से अधिक स्कूलों पर लागू होगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘चूंकि स्कूली शिक्षा राज्य का विषय है, इसलिए राज्य इस संबंध में अपना निर्णय ले सकते हैं।
16 राज्यों और दिल्ली सहित दो केंद्र शासित प्रदेशों ने पहले ही इन दो कक्षाओं के लिए ‘अनुत्तीर्ण न करने की नीति’ को खत्म कर दिया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हरियाणा और पुडुचेरी ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है, जबकि शेष राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने नीति को जारी रखने का फैसला किया है।’’
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