आलेख : बापू के भजन भी चुभने लगे नफरत के पुजारियों को लेखक - सुसंस्कृति परिहार

लेखक - सुसंस्कृति परिहार

बापू से नफ़रत के लिए संघनीत भाजपा अब इतनी पतित हो गई है कि उसके युवा कार्यकर्ता बापू के प्रिय भजन 'रघुपति राघव राजाराम, पतित पावन सीताराम। ईश्वर अल्लाह तेरो नाम, सबको सन्मति दे भगवान। 'गाने पर भी जय श्री राम नारे लगाकर हंगामा और विवाद खड़ा करने लगे हैं। इतना ही नहीं गायिका को इस गाने के लिए माफ़ी मांगनी पड़ी। साथ ही जय श्रीराम और भारत मां के नारे लगाने पड़े।

गायिका ने उसके बाद शारदा सिन्हा जी को याद करते हुए ‘छठी मैया आई ना दुअरिया’ गाया और कार्यक्रम से चली गईं। निश्चित वे अपमान से क्षुब्ध होकर ही गई होंगी।
यह सब हुआ पटना के बापू सभागार में जहां मदनमोहन और अटल बिहारी जी के जन्मोत्सव का कार्यक्रम भाजपा ने आयोजित किया था। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता अश्विनी चौबे भी मौजूद थे। उन्होंने गायिका को माईक से हटाकर जय श्रीराम के नारे लगा। मंचासीन बीस लोगों ने गायिका गायित्री देवी से माफ़ी मांगने दबाव बनाया।
 
विदित हो गायिका को इस अवसर पर सम्मानित करने बुलाया गया था जैसे ही उन्होंने बापू के प्रिय भजन की पंक्तियां प्रारंभ की भाजपा के 70-80 युवा रणबांकुरे जयश्री राम के नारे गर्मजोशी से नारे लगाते हुए हंगामा करने लगे। मंचासीन लोगों ने इन्हें कुछ नहीं बोला बल्कि उनकी मर्जी का पालन गायिका से कराया गया। यह दर्शाता है कि यह किसी षड़यंत्र, मिलीभगत या बापू के प्रति नफरती शिक्षा का परिणाम था। जिसमें अल्लाह शब्द से इतनी नफ़रत इनकी रग रग में भरी गई है।

भाजपा नेता और वाजपेयी के अधीन पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन ने इस व्यवधान को “असहिष्णुता की पराकाष्ठा” कहा है।" जबकि लालू यादव ने इस घटना को नीतीश कुमार के मत्थे मढ़ दिया है जबकि वस्तुस्थिति यह है कि भाजपा स्वत:स्वनामधन्य प्रशांत किशोर के ज़रिए उनके खिलाफ षड़यंत्र रच रही है। यह घटना ऐसे ही संकेत दे रही है। नीतीश कुमार इस आयोजन में शामिल नहीं थे।

कहा जा रहा है कि आयोजकों के हस्तक्षेप से भी जब बात नहीं बनी, तो गायित्री देवी ने भारतीय संस्कृति के संदर्भ में ‘वसुधैव कुटुंबकम’ का उल्लेख किया और कहा कि हिंदू ही हैं, जो सभी को अपने भीतर समाहित करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस भजन से आपको ठेस पहुंचने की कोई बात नहीं है। अगर आपके दिल को ठेस लगी है, तो मैं सॉरी कहती हू। इसके बाद भी लोग संतुष्ट नहीं हुए और नारे लगाते हुए बाहर निकलने लगे इस पर देवी ने भी ‘जय श्री राम’ का नारा लगाया। फिर आयोजकों ने मंच से कहा कि हम सब भारत मां की सभी संतान हैं। इस तरह से हम अपना परिचय नहीं देते हैं ।

कार्यक्रम से बाहर आने पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान देवी ने कहा कि मानवता सभी धर्म से बड़ा है। रघुपति राघव सभी गाते हैं। हिंदू धर्म सबको अपने बीच समाहित करता है। ये धर्म बहुत बड़ा है। सभी धर्मों में आपस में एकता होनी चाहिए। मानवता सबसे बड़ा होता है और मेरी भावना यह है कि सभी धर्म से बड़ा मानवता है और मैं उसी धर्म को मानती हूं। जिन लोगों को अल्लाह के नाम से दुख पहुंचा तो बता दूं कि ईश्वर को अलग-अलग नाम से पुकारते हैं पर सबका उद्देश्य भगवान ही हैं। देवी ने मानवता का धर्म अपनाने की सलाह लोगों को दी।इससे गायिका की मन:स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।

दरअसल, बात यह है कि गांधी के प्रति जो दूषित माहौल संघ की टुकड़े-टुकड़े गैंग के दलों  में से एक कार्यक्रम से बाहर आने पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान देवी ने कहा कि मानवता सभी धर्म से बड़ा है। रघुपति राघव सभी गाते हैं। हिंदू धर्म सबको अपने बीच समाहित करता है। ये धर्म बहुत बड़ा है. सभी धर्मों में आपस में एकता होनी चाहिए। मानवता सबसे बड़ा होता है और मेरी भावना यह है कि सभी धर्म से बड़ा मानवता है और मैं उसी धर्म को मानती हूं। जिन लोगों को अल्लाह के नाम से दुख पहुंचा तो बता दूं कि ईश्वर को अलग-अलग नाम से पुकारते हैं पर सबका उद्देश्य भगवान ही हैं। देवी ने मानवता का धर्म अपनाने की सलाह लोगों को दी। भाजपा ने फैलाई है यह उसी का परिणाम है। एक लंबे समय से कथित छद्म तरीके से सत्तारूढ़ भाजपा गांधी को हटाकर गोलवलकर को स्थापित करना चाहती है। इसलिए गांधी,पटेल नेहरू ,इंदिरा के नाम और कांग्रेस को राह से हटाना चाहती है। उन्हें सद्भाव कतई पसंद नहीं है। ये उसी देश विरोधी भावना की परिणति हैं।
बापू का कद दुनियां में इतना बड़ा है कि उसे दुनिया और भारतीयों के दिल से हटाया नहीं जा सकता। उन्हें जितना पीछे वे धकेलने के प्रयास करते हैं, गांधी मुस्कराते हुए सामने आ जाते हैं।

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