आलेख : बिधूड़ी की बेहूदगी भरी बदज़ुबानी का जिम्मेदार कौन? लेखक : सुसंस्कृति परिहार



लेखक : सुसंस्कृति परिहार

अपनी बदजुबानी के लिए प्रसिद्ध सांसद रमेश बिधूड़ी इन दिनों फिर चर्चाओं में हैं। उन्होंने अपने चुनाव क्षेत्र कालकाजी की सड़कों को प्रियंका गांधी के गालों की तरह बनाने की बात कहकर बेशर्म हरकत की है। उन्होंने लालू यादव का उदाहरण पेश कर उनका अनुकरण करने की बात की और बताया कि हेमामालिनी क्या सम्माननीय नहीं थीं, जिनके गालों की चर्चा सड़कों के संदर्भ में की गई थी। इस बाबत कांग्रेस से कहा कि वे पहले लालू से माफ़ी मंगवाएं जबकि यह बात लालू जी से कहना चाहिए। लालू जी का मज़ाक़िया स्वभाव जगजाहिर है। उनसे बिधूड़ी की तुलना नहीं की जा सकती लेकिन बिधूड़ी तो मानसिक तनाव बढ़ाने के साथ ही जलील करने के लिए कहते हैं। एक नहीं अनेक बार वे ऐसा कर चुके हैं इसलिए क्षमा के पात्र नहीं।

ये बात  और है कि कहने के दूसरे ही दिन देश में हो रही भर्त्सना को देखते हुए दोनों हाथ जोड़कर माफ़ी मांग ली। यह भाजपाइयों की एक बेहतरीन अदा है। चुनाव के दौरान वे कुछ भी कर सकते हैं। अब मणिपुर के मुख्यमंत्री को ही देख लीजिए उन्होंने एक साल से जलते मणिपुर और दो स्त्रियों को नग्न करके सार्वजनिक अपमान के लिए हाल ही में माफ़ी मांग ली है। गजब चतुराई दिखा रहे हैं, आजकल संघ की पाठशाला से निकले नेता। अम्बेडकर अपमान मामले में भी टि्वटर पर प्रधानमंत्री गृहमंत्री जी भी ऐसी ही तरकीब अपना लिए। संघियों का चरित्र ही कुछ ऐसा है कभी वे आरक्षण हटाने की बात कर देते हैं और जब आक्रोश बढ़ता  दिखता है तो अपने शब्द वापस ले लेते हैं। हिंदू मुस्लिम करते-करते अचानक कह उठते हैं हम सब का डीएनए एक है।

इसी पाठशाला से निकला भाजपा का बिधूड़ी ऐसा ही सांसद हैं जो अपनी बदजुबानी के कारण ही भाजपा में अपनी साख रखता है। अनुराग ठाकुर भी गोली मारो......कह तरक्की पाते हैं। इन्हें क्या कहें जब इनके सरपरस्त ही अपनी बेढंगी और बेहूदी हरकतें सदन में करते रहे हों। सोनिया जी को कितना कुछ कहा गया। राहुल गांधी की कितनी हंसी उड़ाई। सदैव झूठी बातें की है। नेहरू जी के बारे अनर्गल बातें तो सीमा तोड़ कही गई।

बहरहाल, बिधूड़ी इस समय दक्षिणी दिल्ली लोकसभा सीट से भाजपा के सांसद हैं। उन्हें दिल्ली के ताकतवर नेताओं में गिना जाता है। बिधूड़ी तीन बार विधायक रहने के अलावा अब दूसरी बार सांसद बने हैं। उनके परिवार को तुगलकाबाद इलाके के प्रभावशाली लोगों में गिना जाता है, जिनके एक इशारे पर भारी भीड़ जुट जाती है। बिधूड़ी का परिवार दिल्ली में संघ के सबसे खास कार्यकर्ताओं में गिना जाता है। यह भी दावा किया जाता है कि दक्षिणी दिल्ली में संघ का संगठन खड़ा करने में इस परिवार का अहम योगदान रहा है। खुद बिधूड़ी बचपन से ही संघ की शाखाओं में नियमित रूप से जाते रहे हैं। उनके दादा ने तुगलकाबाद गांव में अस्पताल बनाने, आर्य समाज मंदिर और एक स्कूल बनाने के लिए अपनी पैतृक संपत्ति का बड़ा हिस्सा दान में दे दिया था। उनका स्टोन क्रेशर का कारोबार है, जो उनकी आय का मुख्य स्रोत है। उनकी बदजुबान की अनेक मिसालें हैं जिससे वे हमेशा  विवादों में रहते हैं।

2015 में पांच महिला सांसदों ने तत्कालीन लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन से रमेश बिधूड़ी के 'अपमानजनक व्यवहार' की शिकायत की थी तब

कांग्रेस, NCP, CPM और TMC की महिला सांसदों ने बिधूड़ी पर 'लैंगिक भेदभाव और अपमानजनक' भाषा बोलने का आरोप लगाया था। 2019 के लोकसभा चुनाव के भी बिधूड़ी समर्थकों और उनके सामने खड़े AAP उम्मीदवार राघव चड्ढा के बीच जबरदस्त टकराव में भी अपमान जनक बातें बिधूड़ी ने कहीं थीं।

2020 में बिधूड़ी वायरल वीडियो वायरल में केंद्रीय कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों पर 'अपमानजनक' कमेंट करते दिखे थे।
उन्होंने 2023 में लोकसभा में चंद्रयान-3 पर चर्चा के दौरान बसपा सांसद कुंवर दानिश अली के खिलाफ असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया है। इसे लेकर विपक्षी दलों ने भारी हंगामा किया। किंतु ऐसे बदजुबान सांसद पर लोकसभाध्यक्ष ने कोई कार्रवाई नहीं की। बल्कि वह प्रिय सांसदों की सूची में आ गए।

विगत दिनों बिधूड़ी ने अपने चुनावी भाषण में फिर तीन बार अशोभनीय वक्तव्य दिए उन्ज्ञोंने चुनाव क्षेत्र की सड़कों को प्रियंका के गाल जैसा बनाने कह गए।यह उनकी कुंठित मानसिकता को दर्शाता है विदित हो वे जिस कालकाजी सीट से चुनाव लड़ने वाले हैं, वहां दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी सिंह और कांग्रेस नेत्री अलका लांबा उनसे मुकाबला करने वाली हैं। रमेश बिधूड़ी ने यहां आतिशी के लिए यह कहा था, ''मार्लेना सरनेम को बदलकर सिंह कर लिया। बाप बदल लिया। वहीं केजरीवाल ने कांग्रेस के साथ नहीं जाने के लिए बेटे की कसम खाई थी। यही इन लोग का चरित्र है। आतिशी सिंह अपने बुजुर्ग पिताजी को कहे इन शब्दों से बेहद आहत हैं। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वे रो पडीं। वे सामाजिक कार्यकर्ता की हैसियत से बहुत लोकप्रिय रही है और निष्काम भाव से आप पार्टी से जुड़ी हुई हैं।

सूत्र बताते हैं कि भाजपा और संघ के दुलारे बिधूड़ी को दिल्ली सीएम बनाने की मंशा से ही उन्हें आतिशी के क्षेत्र से चुनाव लड़ाया जा रहा है। इसीलिए उनके बोलों में और कड़वाहट देखी जा रही है।अभी चुनाव घोषित नहीं हुए तब ये हाल है आगे पता नहीं अपने विरुद्ध खड़े प्रत्याशियों पर क्या तोहमतें लगाते हैं। चुनाव आयोग से भी कार्रवाई की उम्मीद नहीं।
मुश्किल बात ये है उनके ख़िलाफ़ पार्टी भी ऐक्शन नहीं ले सकती। इसका जवाब चुनाव में जनता देगी ऐसी उम्मीद तो की जा सकती है। एक कर्तव्यनिष्ठ आतिशी के आंसू व्यर्थ नहीं जाएंगे।

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