भाजपा में टिकट के लिए खींचतान तेज, सपा-कांग्रेस ने मिलाया हाथ
मिल्कीपुर (सुरक्षित) सीट पर उपचुनाव की प्रक्रिया अधिसूचना जारी होते ही शुरू हो चुकी है। यह उपचुनाव तब हो रहा है जब मौजूदा विधायक अवधेश प्रसाद के सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हो गई। इस उपचुनाव में भाजपा के कई दावेदार अपनी किस्मत आजमाने के लिए मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं।
भाजपा में दावेदारों की लंबी कतार
मिल्कीपुर सीट पर भाजपा का टिकट पाने के लिए छह नेताओं के साथ एक नौकरशाह ने भी अपनी दावेदारी ठोंकी है। इस दौड़ में सबसे आगे नाम है पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ का। बाबा गोरखनाथ 2017 में इस सीट से विधायक रह चुके हैं, लेकिन 2022 में सपा के अवधेश प्रसाद से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। माना जा रहा है कि सीएम योगी आदित्यनाथ भी गोरखनाथ की पैरवी कर रहे हैं।
भाजपा के अन्य दावेदारों में पूर्व विधायक रामू प्रियदर्शी, पूर्व ब्लॉक प्रमुख विनय कुमार रावत, अनुसूचित जाति मोर्चा के कोषाध्यक्ष चंद्रकेश रावत और चंद्रभानु पासवान के नाम भी शामिल हैं। इन सभी नेताओं ने केंद्रीय नेतृत्व के सामने अपनी दावेदारी रख दी है।
इसके अलावा, उप परिवहन आयुक्त सुरेन्द्र रावत भी चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। उन्होंने चुनावी मैदान में उतरने के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) का आवेदन दे दिया है। पार्टी के अंदरखाने यह चर्चा है कि भाजपा इस बार किसी गैर-विवादित चेहरे को मौका दे सकती है, और इसी वजह से सुरेन्द्र रावत की दावेदारी को गंभीरता से लिया जा रहा है।
सपा ने मैदान में उतारा अपना उम्मीदवार, कांग्रेस ने किया समर्थन
समाजवादी पार्टी ने अजीत प्रसाद को मिल्कीपुर सीट से अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। अजीत प्रसाद, सपा के पूर्व विधायक अवधेश प्रसाद के पुत्र हैं। दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस ने भी सपा उम्मीदवार को समर्थन देने का ऐलान किया है।
इस घोषणा के बाद बसपा और कांग्रेस ने इस उपचुनाव में अपने उम्मीदवार न उतारने का फैसला किया है। ऐसे में मुकाबला सीधा सपा और भाजपा के बीच हो गया है।
भाजपा के टिकट पर सस्पेंस जारी
भाजपा का शीर्ष नेतृत्व अब तक यह तय नहीं कर पाया है कि पार्टी किसे टिकट देगी। पार्टी के सूत्रों का कहना है कि मकर संक्रांति के बाद भाजपा उम्मीदवार के नाम का ऐलान करेगी।
17 जनवरी को नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख है, ऐसे में भाजपा जल्द ही अपने उम्मीदवार का फैसला करेगी। नामांकन पत्रों की जांच 18 जनवरी को होगी, जबकि 20 जनवरी को नाम वापसी की अंतिम तिथि है।
क्या मिल्कीपुर सीट पर होगा नया चेहरा?
पार्टी के अंदर चर्चा है कि भाजपा इस बार किसी नए और गैर-विवादित चेहरे को मैदान में उतारना चाहती है। ऐसे में उप परिवहन आयुक्त रहे सुरेन्द्र रावत का नाम सबसे आगे चल रहा है। लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेता बाबा गोरखनाथ को नजरअंदाज करना भी आसान नहीं है, खासतौर पर तब जब उनके पक्ष में सीएम योगी का समर्थन हो।
अब देखना यह है कि भाजपा किसे मिल्कीपुर सीट पर उतारती है और क्या वह सपा-कांग्रेस गठजोड़ को टक्कर दे पाएगा। चुनावी अखाड़े में कौन बाजी मारेगा, इसका फैसला जनता के हाथों में है।
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