जबलपुर : ठंड से राहत के लिए निगमायुक्त की अनोखी पहल: बसों को बनाया आश्रय स्थल

शहर के निराश्रितों को कड़ाके की सर्दी से बचाने के लिए नई व्यवस्था, रैन बसेरों के साथ बसों में भी मिलेगी शरण


जबलपुर।
कड़ाके की ठंड से बचाने के लिए नगर निगम ने जबलपुर में बेघर और निराश्रित लोगों के लिए एक नई पहल शुरू की है। निगमायुक्त प्रीति यादव के निर्देशन में शहर में पुराने बसों को आश्रय स्थलों में तब्दील कर, ठंड में खुले आसमान के नीचे रहने वालों को राहत दी जा रही है। उपायुक्त अंकिता जैन ने बताया कि शहर के विभिन्न मुख्य चौराहों और सार्वजनिक स्थलों पर निराश्रित लोगों को चिन्हित कर उन्हें नगर निगम के रैन बसेरों और बस आश्रय स्थलों में ठहराया जा रहा है।

शहर के आईएसबीटी बस स्टैंड पर एक पुरानी बस को आवश्यक सुविधाओं के साथ आश्रय स्थल में बदला गया है। इस बस को गद्दे, तकिए, कंबल और चादर जैसी सुविधाओं से सुसज्जित किया गया है ताकि निराश्रित लोग ठंड के प्रकोप से बच सकें। इस अभिनव पहल को “जुगाड़ से कमाल” नाम दिया गया है, जो जरूरतमंदों को राहत देने के साथ-साथ निगम की रचनात्मक सोच को भी दर्शाता है।

अलाव की जगह इलेक्ट्रिक हीटर की व्यवस्था

उपायुक्त जैन ने बताया कि नगर निगम ने पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए अलाव जलाने की पुरानी व्यवस्था को बंद कर दिया है। इसके स्थान पर सभी आश्रय स्थलों में इलेक्ट्रिक रूम हीटर लगाए गए हैं। इससे आश्रय स्थलों में रहने वाले लोगों को ठंड से राहत मिलने के साथ-साथ वायु प्रदूषण भी कम होगा।

रात्रि कालीन सर्वे टीम सक्रिय

नगर निगम द्वारा रात्रि कालीन सर्वे टीम का गठन किया गया है, जो नियमित रूप से शहर के विभिन्न हिस्सों में घूमकर बेघर और जरूरतमंद लोगों को आश्रय स्थलों में ले जाने का काम कर रही है। निगम का यह प्रयास न केवल ठंड से बचाने के लिए कारगर साबित हो रहा है, बल्कि मानवता की सेवा का एक उदाहरण भी बन रहा है।

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