रांगेय राघव जयंती पर साहित्यिक काव्य संध्या का आयोजन


जबलपुर। मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय स्थित सेठ गोविंद दास हिंदी पुस्तकालय एवं वाचनालय में एक भव्य साहित्यिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें महान साहित्यकार रांगेय राघव की जयंती को गरिमा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर अध्यक्षता राजभाषा अधिकारी एवं सहायक कार्मिक अधिकारी (यांत्रिक) डी.के. शुक्ला ने की, जबकि प्रमुख अतिथि के रूप में ख्यातिलब्ध साहित्यकार उमेश ओज और विशिष्ट अतिथि के रूप में कवयित्री डॉ. भावना दीक्षित उपस्थित रहीं। कार्यक्रम का शुभारंभ रांगेय राघव के चित्र पर माल्यार्पण के साथ किया गया।

स्वागत और आरंभिक संबोधन
कार्यक्रम का प्रारंभ वरिष्ठ अनुवादक किशोर कुमार साहू द्वारा अध्यक्ष डी.के. शुक्ला का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत करने से हुआ। तत्पश्चात, अध्यक्ष ने मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि को पुष्प प्रदान कर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन भी कुशलता से किशोर कुमार साहू द्वारा किया गया।

रांगेय राघव के व्यक्तित्व पर अध्यक्ष का वक्तव्य
अध्यक्ष डी.के. शुक्ला ने अपने विस्तृत वक्तव्य में रांगेय राघव के बहुआयामी व्यक्तित्व और उनकी अद्वितीय कृतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि रांगेय राघव आधुनिक हिंदी साहित्य में प्रेमचंदोत्तर युग के विशिष्ट लेखक, उपन्यासकार, नाटककार, कवि और आलोचक थे। उनका साहित्यिक कौशल हिंदी की सृजनशीलता को नई ऊंचाइयों तक ले गया। उन्होंने अहिंदी भाषी होते हुए भी हिंदी साहित्य को अनेक मूल्यवान रचनाएँ प्रदान कीं। शुक्ला ने राजभाषा नियमों के पालन और कार्यालयीन कार्यों में हिंदी के अधिकाधिक उपयोग की आवश्यकता पर भी बल दिया।

मुख्य अतिथि उमेश ओज का संबोधन
साहित्यकार उमेश ओज ने रांगेय राघव की रचनाओं का गहन विश्लेषण करते हुए उन्हें केवल एक साहित्यकार नहीं, बल्कि दार्शनिक और मानवीय संवेदनाओं के प्रति संवेदनशील विचारक बताया। उन्होंने कहा कि राघवजी ने अपने अल्प जीवनकाल में भी साहित्य के हर क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया और रूढ़िवादिता के खिलाफ सशक्त संघर्ष किया।

डॉ. भावना दीक्षित का वक्तव्य
विशिष्ट अतिथि डॉ. भावना दीक्षित ने बताया कि रांगेय राघव प्रगतिशील साहित्यिक आंदोलनों के प्रमुख सूत्रधार थे। उन्होंने 150 से अधिक साहित्यिक कृतियाँ लिखीं, जिनमें कविता, कहानी, उपन्यास, आलोचना और इतिहास जैसे विविध विषय शामिल हैं। उनका योगदान अद्वितीय है।

काव्यपाठ और सम्मान समारोह
द्वितीय चरण में मुख्य अतिथि उमेश ओज ने अपनी दो प्रसिद्ध कविताएँ प्रस्तुत कीं, जिन्हें श्रोताओं ने तालियों से सराहा। डॉ. भावना दीक्षित ने रांगेय राघव पर केंद्रित अपनी कविता सुनाई, जो अत्यंत प्रभावशाली रही। होम्योपैथी चिकित्सक डॉ. अलकेश खत्री और कर्मचारी पीयूष चौबे ने भी अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कीं, जिन्हें श्रोताओं ने सराहा।

अंत में अध्यक्ष ने मुख्य अतिथि और अतिथि को शॉल ओढ़ाकर और पुस्तक भेंट कर सम्मानित किया। डॉ. खत्री और पीयूष चौबे को भी पुस्तकों से सम्मानित किया गया।

समापन और धन्यवाद ज्ञापन
कार्यक्रम के समापन पर किशोर कुमार साहू ने अध्यक्ष की अनुमति से धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया और इस गरिमामय आयोजन का समापन हुआ। इस अवसर पर मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के लगभग 30 कर्मचारी उपस्थित रहे।

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