भारत में 'एचएमपीवी' के पांच मामलों की पुष्टि, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा- घबराने की जरूरत नहीं


नई दिल्ली। कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात में पांच बच्चों में ‘ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस’ (एचएमपीवी) संक्रमण की पुष्टि हुई है। देश में यह वायरस संक्रमण के पहले दर्ज मामले हैं। एचएमपीवी एक श्वसन संबंधी बीमारी पैदा करने वाला वायरस है, जो सभी आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित कर सकता है। हाल ही में चीन में इस वायरस के प्रकोप ने वैश्विक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का ध्यान खींचा था।  
  • क्या है एचएमपीवी?  
एचएमपीवी एक ड्रॉपलेट संक्रमण है, जो खांसी, बहती नाक, गले में खराश और बुखार जैसे लक्षण पैदा करता है। एम्स-दिल्ली के विशेषज्ञों के अनुसार, यह वायरस ज्यादातर बच्चों में दस साल की उम्र तक प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर देता है। हालांकि, ब्रोंकाइटिस या निमोनिया की स्थिति में चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता होती है।  
  • किन राज्यों में सामने आए मामले?  
कर्नाटक में बेंगलुरु के बैपटिस्ट अस्पताल में तीन महीने की बच्ची और आठ महीने के एक शिशु में एचएमपीवी की पुष्टि हुई। दोनों बच्चों का स्वास्थ्य अब ठीक है। गुजरात में अहमदाबाद के एक निजी अस्पताल में दो माह के शिशु को श्वसन संक्रमण के लक्षणों के कारण भर्ती किया गया था। उसकी भी स्थिति स्थिर बताई गई है। वहीं, तमिलनाडु के चेन्नई में दो बच्चों में इस वायरस की पुष्टि हुई है।  
  • सरकारें सतर्क, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं  
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा, "एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है। 2001 में इसका पहली बार पता चला था। यह दुनिया भर में कई वर्षों से फैल रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय, आईसीएमआर और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं। घबराने की कोई जरूरत नहीं है।"  

दिल्ली सरकार ने भी राजधानी के सभी अस्पतालों को निर्देश दिया है कि वे श्वसन संक्रमण के मामलों में संभावित वृद्धि से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहें।  
  • सेंसेक्स पर असर, बाजार में भारी गिरावट 
एचएमपीवी संक्रमण के कारण शेयर बाजार पर भी असर देखा गया। सोमवार को बीएसई सेंसेक्स 1258 अंक गिरकर बंद हुआ। एनएसई निफ्टी भी 23,700 अंक के नीचे चला गया। कारोबारियों ने कहा कि वायरस को लेकर चिंता के अलावा विदेशी निवेशकों की पूंजी निकासी और कंपनियों के तीसरी तिमाही के नतीजों को लेकर अनिश्चितता से बाजार पर दबाव बना।  
विशेषज्ञों की सलाह: मास्क पहनें, हाथ साफ रखें 
जीनोमिक सर्विलांस कमेटी के पूर्व प्रमुख डॉ. विशाल राव ने कहा, "कोविड के विपरीत, एचएमपीवी सांस से नहीं फैलता। यह ड्रॉपलेट संक्रमण है। इसलिए मास्क पहनें और हाथ की स्वच्छता का ध्यान रखें।"  

एम्स-दिल्ली के डॉ. नीरज निश्चल ने कहा, "ज्यादातर बच्चों में दस साल की उम्र तक एचएमपीवी के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाती है। हालांकि, कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है।"  

  • एचएमपीवी से बचाव के उपाय  
  1. - हाथ धोएं: साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोएं।  
  2. - हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करें। 
  3. - मास्क पहनें: विशेष रूप से भीड़भाड़ वाली जगहों पर।  
  4. - संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से बचें। 
एचएमपीवी के लक्षण और उपचार
लक्षण- खांसी, बहती नाक, गले में खराश, बुखार।  
उपचार- घर पर आराम और सहायक देखभाल से यह बीमारी पांच से छह दिनों में ठीक हो जाती है। ब्रोंकाइटिस या निमोनिया की स्थिति में डॉक्टर से परामर्श जरूरी है।  

स्वास्थ्य मंत्रालय और विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया है कि एचएमपीवी को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। यह कोई नया वायरस नहीं है और इससे बचाव के लिए सामान्य स्वच्छता के उपाय कारगर साबित हो सकते हैं। सरकारें सतर्क हैं और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे मास्क पहनें, हाथ साफ रखें और श्वसन संबंधी कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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