जबलपुर। नगर निगम के किरायेदारी और भवन सत्यापन कार्यों में लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। गढ़ा, त्रिपुरी, महाराणा प्रताप और सरदार वल्लभ भाई पटेल वार्ड में निरीक्षण के दौरान 6 दुकानों और एक किरायेदारी का रिकॉर्ड निगम के राजस्व विभाग में दर्ज नहीं पाया गया। इस लापरवाही पर निगमायुक्त श्रीमती प्रीति यादव ने कड़ा रुख अपनाते हुए संबंधित अधिकारियों और निरीक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
उपायुक्त राजस्व पी.एन. सनखेरे और उनकी टीम ने संभाग-01 के वार्डों का निरीक्षण किया, जिसमें कई खामियां उजागर हुईं। गढ़ा वार्ड में 10 संपत्तियों में से 4 में दुकानें बिना पंजीकरण के पाई गईं। महाराणा प्रताप वार्ड में 3 में से 2 दुकानों का रिकॉर्ड दर्ज नहीं था। त्रिपुरी वार्ड में एक फ्लैट में किरायेदार का सत्यापन नहीं हुआ था, जबकि सरदार वल्लभ भाई पटेल वार्ड में एक टावर का पंजीकरण नहीं मिला।
इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए निगमायुक्त ने कर संग्रहिताओं अमित पाठक और महेंद्र अहिरवार के निलंबन हेतु कारण बताओ नोटिस जारी किया है। राजस्व निरीक्षक सौरभ बिरहा की एक वेतन वृद्धि रोकने के निर्देश भी दिए गए हैं। इसी तरह, लाइसेंस निरीक्षकों संदीप पांडे और अमित जोशी को भी एक वेतन वृद्धि रोकने की सजा दी गई है।
राजस्व और बाजार विभाग की इस लापरवाही ने नगर निगम की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं। निगमायुक्त ने यह भी संकेत दिया है कि इस तरह की अनियमितताओं पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
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