भोपाल | मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जापान प्रवास के दौरान दोनों देशों की गहरी सांस्कृतिक और आर्थिक समानताओं को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत और जापान केवल दो राष्ट्र नहीं, बल्कि जैसे समय के प्रवाह में बिछड़े दो भाई हैं। सूर्योपासना की परंपरा से लेकर गौतम बुद्ध के सिद्धांतों तक, इन दोनों देशों की संस्कृति में अप्रत्याशित साम्यता देखने को मिलती है। जापान न केवल आधुनिकता का प्रतीक है, बल्कि यह अध्यात्म और कर्तव्यपरायणता का संगम भी है। यहाँ के नागरिकों से कर्मठता, उच्च गुणवत्ता की कार्यसंस्कृति और जीवन को संतुलित ढंग से जीने की प्रेरणा मिलती है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अपने जापान प्रवास के तीसरे दिन ओसाका में उद्योगपतियों एवं व्यवसायिक प्रतिनिधियों के साथ संवाद किया, जहाँ उन्होंने मध्यप्रदेश को निवेश के लिए एक सुनहरा अवसर बताया।
मध्यप्रदेश: नवाचार और निवेश का अभूतपूर्व संगम
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अपने उद्बोधन में बताया कि मध्यप्रदेश ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर है, खनिज संपदा से समृद्ध है, स्वच्छतम राज्यों में अग्रणी है, और देश के प्रमुख शहरों से सुलभ कनेक्टिविटी रखता है। यहाँ की औद्योगिक नीतियाँ उद्योगपतियों के अनुकूल बनाई गई हैं, जिससे निवेशकों को अत्यंत आकर्षक अवसर प्राप्त हो रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मध्यप्रदेश दोहरे अंकों की विकास दर को पार कर रहा है, जिससे यह वैश्विक औद्योगिक नक्शे पर तेजी से उभर रहा है।
मुख्यमंत्री ने जापानी उद्योगपतियों को मध्यप्रदेश में निवेश हेतु आमंत्रित करते हुए कहा कि यदि वे बड़े सपने लेकर आते हैं, तो प्रदेश सरकार उनके सपनों को हकीकत में बदलने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने सभी निवेशकों को आगामी 24-25 फरवरी को भोपाल में आयोजित होने वाली "ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट" में भाग लेने का निमंत्रण दिया।
उद्योग केवल लाभ के लिए नहीं, बल्कि समाज कल्याण का भी माध्यम
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने "अपने लिए जिए तो क्या जिए…" गीत की पंक्तियों का उल्लेख करते हुए कहा कि सच्चे उद्योगपति केवल व्यावसायिक लाभ के लिए कार्य नहीं करते, बल्कि वे सैकड़ों लोगों की आजीविका का साधन बनकर समाज की सेवा भी करते हैं। उन्होंने जापान और भारत के साझा जीवन मूल्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाएँ केवल पूँजी के आधार पर नहीं, बल्कि श्रमिकों के कल्याण और समाज के हित में कार्य करने के मूल्यों पर आधारित हैं।
मध्यप्रदेश सरकार, निवेशकों और उद्यमियों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि निवेशकों को हरसंभव सुविधा और सहयोग प्रदान किया जाए, ताकि वे नवाचार एवं आर्थिक विकास में योगदान दे सकें।
जापान: हर चुनौती में भारत का अभिन्न सहयोगी
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह भी उल्लेख किया कि जापान ने हर कठिन समय में भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहने का परिचय दिया है। प्रदेश में जिन जापानी कंपनियों ने निवेश किया, वे केवल व्यावसायिक साझेदार नहीं, बल्कि घनिष्ठ मित्र बन गए हैं। मध्यप्रदेश सरकार ने 25 से अधिक निवेश नीतियाँ लागू की हैं, जिनका उद्देश्य जापानी उद्योगों को लाभकारी अवसर प्रदान करना है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जापानी निवेशकों को आश्वस्त किया कि यदि वे मध्यप्रदेश में विस्तारित निवेश योजनाएँ लेकर आते हैं, तो राज्य सरकार 200% तक की प्रोत्साहन राशि देने को भी तैयार है।
मध्यप्रदेश: वैश्विक निवेशकों के लिए उपयुक्त स्थल
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जापान के ओसाका शहर में उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश ने 300 से अधिक औद्योगिक क्षेत्रों और विशेष आर्थिक ज़ोन विकसित किए हैं, जिनमें फूड प्रोसेसिंग, आईटी, फार्मास्यूटिकल्स, मेडिकल उपकरण, टेक्सटाइल, ईवी मैन्युफैक्चरिंग, और सौर ऊर्जा सेक्टर प्रमुख हैं।
राज्य सरकार उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए कई सुविधाएँ प्रदान कर रही है, जैसे:
- मेडिकल कॉलेजों के लिए निशुल्क भूमि
- पर्यटन परियोजनाओं में 40% तक की सब्सिडी
- लॉजिस्टिक्स, ईवी, खाद्य प्रसंस्करण, एथेनॉल, और टेक्नोलॉजी क्षेत्रों में निवेश अनुकूल नीतियाँ
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जापानी निवेशकों को आमंत्रित किया कि वे भोपाल में होने वाले "ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट" में भाग लें और राज्य में निवेश के अवसरों का लाभ उठाएँ।
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