राष्ट्रीय संगोष्ठी : पर्यटन अपने आप में एक समृद्ध उद्योग

सतत पर्यटन प्रोत्साहन पर संगोष्ठी: मानकुँवर बाई महाविद्यालय में राष्ट्रीय आयोजन


जबलपुर। शासकीय मानकुँवर बाई कला एवं वाणिज्य स्वशासी महिला महाविद्यालय, जबलपुर के भूगोल विभाग ने मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड भोपाल बायपास संस्थान और जबलपुर पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद् के सहयोग से राष्ट्रीय पर्यटन दिवस के उपलक्ष्य में "सतत पर्यटन प्रोत्साहन @ विकसित भारत 2047" विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया। इस कार्यक्रम की संरचना महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. स्मृति शुक्ल के संरक्षण और भूगोल विभागाध्यक्ष डॉ. ब्रह्मानंद त्रिपाठी के निर्देशन में की गई।

डॉ. ब्रह्मानंद त्रिपाठी ने संगोष्ठी की प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पर्यटन के सतत विकास के लिए सकारात्मक प्रोत्साहन अत्यावश्यक है। मुख्य वक्ता पुरातत्व पर्यटन एवं सांस्कृतिक परिषद्, जबलपुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हेमंत सिंह ने अपने वक्तव्य में जिले के विविध नवीन पर्यटन स्थलों और रोजगार केंद्रित प्रशिक्षण की व्यापक जानकारी साझा की।

विशिष्ट अतिथि डॉ. संजय नागरकर ने पर्यटन के मूल तत्वों और उसके विकास की संभावनाओं पर विचार व्यक्त किए। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि पर्यटन अपने आप में एक समृद्ध उद्योग है, जिसे समय और श्रम का उचित निवेश कर आगे बढ़ाया जा सकता है। सुश्री दीप्ति ठाकुर ने महिलाओं के लिए सुरक्षित पर्यटन और रोजगार सृजन के प्रयासों पर जोर देते हुए संगोष्ठी के उद्देश्यों की सार्थकता पर चर्चा की।

डॉ. नुपूर निखिल देशकर ने जबलपुर जिले के ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों का वर्णन करते हुए उनकी महत्ता को रेखांकित किया। इसके अतिरिक्त, डॉ. धीरेन्द्र त्रिपाठी और राम सनोदिया ने पर्यटन के विकास से जुड़ी समस्याओं और उनके समाधानों पर गहन व्याख्यान प्रस्तुत किए।


छात्राओं का योगदान और विशेष व्याख्यान
बीए प्रथम वर्ष की छात्रा शिवानी लोधी ने "पर्यटन विकास एवं रोजगार" विषय पर अपने विचार रखे, जबकि विकांक्षा चौबे ने मध्यप्रदेश के पर्यटन स्थलों के वर्तमान परिदृश्य पर अपने विचार व्यक्त किए।

संचालन और धन्यवाद ज्ञापन
कार्यक्रम का कुशल संचालन डॉ. अजय तिवारी ने किया और धन्यवाद ज्ञापन प्रकाश राय द्वारा प्रस्तुत किया गया।

विशेष उपस्थिति
इस अवसर पर महाविद्यालय के वरिष्ठ शिक्षकों में डॉ. सुनीता मिश्रा, डॉ. जागिन्दर गुजराल, डॉ. ज्योति जाट, डॉ. नोयल दान, डॉ. मनोज प्रियदर्शन, डॉ. नीना उपाध्याय, डॉ. सपना चौहान, डॉ. अर्चना सिंग, डॉ. उषा कैली, डॉ. प्रतिभा सिंह, डॉ. अजय गुप्ता, श्री देवेन्द्र धुर्वे, डॉ. बसंती अग्रवाल, श्रीमती हर्षा सिसोदिया, और श्रीमती आनंदिता ठाकुर के साथ भूगोल विभाग की छात्राओं ने सक्रिय भागीदारी दर्ज की।

इस संगोष्ठी ने न केवल पर्यटन के सतत विकास पर जागरूकता बढ़ाई, बल्कि रोजगार सृजन और महिलाओं की भागीदारी को भी एक नई दिशा दी।

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