अमर बलिदानियों राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित
उन्होंने अपने संबोधन में कहा, "हमारे शहीदों ने एक ऐसे भारत का स्वप्न देखा था, जो समता और स्वतंत्रता का प्रतीक हो। परंतु आज के समाज में वे मूल्य कहाँ खो गए हैं, यह सोचने का विषय है। हमें अपनी शिक्षा प्रणाली और रोजगार के अवसरों पर आत्ममंथन करना चाहिए।"
इस कार्यक्रम में संयुक्त पिछड़ा वर्ग मोर्चा, गढ़ा गोंडवाना संरक्षण संघ, भारतीय सर्व जनजाति सेना और अनुसूचित जनजाति अल्पसंख्यक समाज सहित कई संगठनों के प्रमुख पदाधिकारी मौजूद रहे। सभी ने एकजुट होकर समाज के समक्ष विद्यमान चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया और समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाने का संकल्प लिया।
रामरतन यादव के निवास स्थान पर भी पहुंचे लक्ष्मण यादव। |
इस मौके पर रामरतन यादव (संयुक्त पिछड़ा वर्ग मोर्चा के संयोजक), नेम सिंह मरकाम (गढ़ा गोंडवाना संरक्षण संघ के जिला अध्यक्ष), गया प्रसाद धुर्व, इंद्र कुमार कुलस्ते, युवराज विश्वकर्मा, मिहीपाल आर्मी, धनराज पुसाम, डॉ. टी.आर. बरकड़े, ध्यान सिंह तेकाम, अनूप कुमार कुशवाहा, प्रकाश गौतेल, राजेंद्र गुप्ता और कैलाश सिंह उइके जैसे कई प्रमुख कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
सभी संगठनों ने शिक्षा, बेरोजगारी और सामाजिक असमानता से जुड़ी समस्याओं को प्राथमिकता देने पर सहमति जताई। साथ ही, इन मुद्दों पर एक साझा दृष्टिकोण विकसित करने के लिए भविष्य में और व्यापक चर्चा की आवश्यकता पर बल दिया।
कार्यक्रम के अंत में सभी ने शहीदों के सिद्धांतों को आत्मसात करने की शपथ ली और उनके सपनों को साकार करने की दिशा में कार्य करने का संकल्प दोहराया।
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