सफाई कार्यों में लापरवाही पर निगमायुक्त ने लगाया भारी-भरकम जुर्माना

श्री बर्फानी सिक्योरिटी सर्विसेस पर 4 लाख 19 हजार रुपये की पेनाल्टी दंड 


जबलपुर। 
शहर की सफाई व्यवस्था को चाक-चौबंद और बेहतर बनाने के लिए निगमायुक्त प्रीति यादव के नेतृत्व में प्रशासनिक सख्ती लगातार जारी है। सफाई कार्यों में अनियमितता और श्रमिकों की संख्या में कमी को लेकर निगमायुक्त ने एक बार फिर कठोर कदम उठाते हुए सफाई ठेका समिति श्री बर्फानी सिक्योरिटी सर्विसेस पर भारी-भरकम जुर्माना लगाया है।

संभाग क्रमांक 1, 2, 3 और 15 में स्वीकृत श्रमिक संख्या से कम सफाईकर्मी तैनात करने और श्रमिकों की हड़ताल के कारण सफाई कार्य में व्यवधान उत्पन्न होने के चलते यह आर्थिक दंड अधिरोपित किया गया। इस संबंध में निगम उपायुक्त संभव अयाची और स्वास्थ्य अधिकारी संदीप जायसवाल ने जानकारी दी कि बार-बार चेतावनी के बावजूद सफाई समिति द्वारा अनुबंध की शर्तों का पालन नहीं किया जा रहा था।

लगातार निरीक्षण के दौरान निगमायुक्त ने पकड़ी खामी

निगमायुक्त प्रीति यादव शहर के विभिन्न इलाकों में सफाई व्यवस्था का प्रतिदिन निरीक्षण कर रही हैं। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि समिति द्वारा सफाई कार्यों में श्रमिकों की स्वीकृत संख्या से कम लोग लगाए गए हैं। इसके अलावा श्रमिकों की कामबंद हड़ताल के कारण शहर की सफाई व्यवस्था चरमरा गई है।

उपायुक्त संभव अयाची ने स्पष्ट किया कि इस अनुशासनहीनता के चलते श्री बर्फानी सिक्योरिटी सर्विसेस पर 4 लाख 19 हजार रुपये की पेनाल्टी लगाई गई है, जो जनवरी 2025 के बिल से कटौती के रूप में वसूली जाएगी।

पहले भी लग चुका है जुर्माना

यह पहली बार नहीं है जब निगमायुक्त ने इस सफाई समिति पर जुर्माना लगाया हो। इसके पहले भी सफाई कार्यों में लापरवाही के कारण समिति पर आर्थिक दंड अधिरोपित किया गया था। निगमायुक्त ने कड़े शब्दों में कहा है कि भविष्य में भी यदि सफाई कार्यों में लापरवाही पाई गई तो और अधिक सख्त कदम उठाए जाएंगे।

निगमायुक्त ने यह भी निर्देश दिए हैं कि हर वार्ड में सफाई निरीक्षक और संरक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए और सफाई कार्यों को प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाए। प्रीति यादव ने साफ किया है कि सफाई के मामले में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

सख्ती से लागू होंगे अनुबंध के नियम

निगमायुक्त के इस फैसले से साफ है कि सफाई ठेका समितियों को अनुबंधित नियमों का अक्षरशः पालन करना होगा। श्रमिकों की कमी और कामबंद हड़ताल जैसे मामलों पर अब और नरमी नहीं बरती जाएगी।

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