लेखक - सुसंस्कृति परिहार |
महाकुंभ मेले में मध्यप्रदेश के खरगौन जिले के महेश्वर की मोनालिसा बंजारा समुदाय से हैं। वह यहां अपने परिवार के साथ दस रुपए से लेकर दस हज़ार रुपए की रुद्राक्ष मालाएं बेचने आई थीं लेकिन इस 17 वर्षीय युवती की खूबसूरती ने महाकुंभ में जो जादू किया उसकी कोई मिसाल नहीं। उसके सुंदर नयन और मुस्कान, भोलापन और सादगी विशेष आकर्षण का केंद्र बने। वह लाखों लोगों से घिरी रही लोग उसके साथ फोटो लेते रहे, पर धंधा चौपट हो गया। परेशानी इतनी बढ़ी उसे अपने मुंह को छुपाए हुए भागते देखा गया। कहा जा रहा वह महाकुंभ से अपने गांव रवाना हो गई है। सबसे ज़्यादा परेशान उसे मीडिया वालों ने किया। ये कैसा महाकुंभ है जहां चमत्कारों का सैलाब लिए अनगिनत साधु मौजूद हों, वहां लोगो की जुबान पर सिर्फ और सिर्फ मोनालिसा हो।
मोनालिसा की तस्वीर- इतालवी चित्रकार लियोनार्दो दा विंची |
गौरतलब है कि इतालवी चित्रकार लियोनार्दो दा विंची ने मोनालिसा नामक तस्वीर 1503 से 1514 के बीच बनाई थी। ये तस्वीर फ्लोरेंस के एक गुमनाम से व्यापारी 'फ़्रांसेस्को देल जियोकॉन्डो' की पत्नी 'लीज़ा घेरार्दिनी' को देखकर बनाई गई है। सम्प्रति यह छवि फ्रांस के लूविरे संग्रहालय में रखी हुई है। दुनियां भर में मोनालिसा का चित्र अब तक अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता रहा है लेकिन अब महाकुंभ की वायरल गर्ल साक्षात मोनालिसा भी खूबसूरती की एक मिसाल बन चुकी है।
महाकुंभ में इतना ही नहीं एक साधु ने विवाह भी किया है। महाकुंभ इस समय आनंद और मौज की भूमि बनती नज़र आ रही है। यह खुलासा आईं आईटीयन बाबा ने भी किया है, जिसकी आंखें भी खूबसूरत हैं तथा लोगों में आजकल काफ़ी चर्चित है भविष्यवाणी भी करते हैं। वे कहते हैं कि 98%बाबा बैरागी असली नहीं है। उनमें से बहुतेरे अपराधी, घर से भागे निकम्मे लोग और जालसाज हैं। इन सबका जमावड़ा यहां मौज मस्ती के लिए ही है। कुछ बाबा ऐसे भी हैं जो सवाल पूछने पर सरकार की तरह उत्तेजित हो मारने पीटने पर उतारू हो जाते हैं। कुछ भेष बदल कर आई हीरोइनें साध्वी का श्रंगार कर अखाड़े में शामिल हो रही हैं। तो कोई गंगा में स्नान कर अपने बदन दिखाकर जाने किस आनंद की प्राप्ति कर रही हैं। इस नकली भीड़ के बीच एक बंजारिन लड़की ने सबको पीछे छोड़ दिया है। उसके पास सेलेब्रिटीज़ की खबरें आ रहीं हैं, वे भी मिलने बेताब है। कोई उससे शादी की तलब लिए है तो कोई उसे सिने पर्दे पर दिखाने की ललक लिए हुए है।
वह मुस्कराते और शर्माते हुए बताती है कि उसको महेश्वर में फिल्म की शूटिंग में शामिल किया गया था किंतु सारा अली खान उसके सामने फीकी ना पड़ जाएं इसलिए उसका काजल तक हटवाया गया। बाद में क्या हुआ पता नहीं। शादी के बारे में उसका कहना साफ़ है वह बंजारे ही से शादी करेंगी किसी और से नहीं। सोचना चाहिए ये लाखों लोग कौन भक्त हैं जो गंगा मां की भक्ति के लिए आए और जो एक बंजारिन के साथ फोटो खिंचवाने व्यग्र थे। उससे धक्का-मुक्की कर रहे थे। इस मामले की शिकायत योगी जी को की गई।
सीमा हैदर |
दूसरी चर्चा रही सीमा हैदर की महाकुंभ में जो मई 23 में सचिन मीणा के प्रेम में अपने चार बच्चों के साथ पाकिस्तान से नेपाल के रास्ते भारत आई। तब से अब तक उसके यूट्यूब सर्वाधिक चर्चाओं में रहते हैं। एक शख्स ने तो सीमा हैदर को पत्र लिखकर बताया कि अनंत अंबानी और सोनाक्षी की शादी से बहुत ज्यादा लोगों ने सीमा हैदर को देखा और सुना है। पाकिस्तान से आई सीमा को सचिन के परिवार ने जिस तरह प्यार दिया वैसा दुर्लभ है। वहीं सीमा ने जिस तरह भारतीय संस्कृति को अपनाया वह दुर्लभ है। महाकुंभ में नहाने का सपना उसकी प्रेगनेंसी के कारण जब चूर चूर हुआ तो उसने गंगा मैया को 51लीटर दूध अपने वकील कथित भाई के ज़रिए चढ़ाने भेजा है। चार बच्चों के बाद उसकी खूबसूरती के लाखों दीवाने हैं लेकिन उसे पाकिस्तान से अभी तक तंज सुनने मिलते हैं। भारत सरकार को सीमा मीणा के सनातन प्रेम को देखते हुए कम से कम पद्म श्री तो दे ही देनी चाहिए।
हालांकि, मोनालिसा और सीमा की स्थिति में ज़मीन आसमान का अंतर है किंतु सौंदर्य के पैमाने के कारण ही वे ज़्यादा मशहूर हुई हैं। मोनालिसा जहां भोली-भाली अशिक्षित बंजारा बाला है वहीं सीमा पति के जुल्मों की प्रताड़ना से उपजी ताकत लेकर ये शादी करती है और उसे बखूबी निभा रही है। उसके पास दुनिया दारी के ढेरों अनुभव हैं जबकि मोनालिसा इसके विपरीत एक सीधी साधी अपने पचास सदस्यीय परिवार के साथ फूल माला बेचने यहां आई, जहां उसका जीना मुश्किल हुआ, उसे छुपना और गांव वापिस जाना पड़ा। सीमा हैदर के साथ ही कमोवेश ऐसा ही व्यवहार हुआ किंतु उसने अपने पति बच्चे और परिवार के मधुर सम्बंधों के वीडियो यूट्यूब पर डाल कर अच्छी कमाई शुरू कर दी है और लोगों को बता दिया है कि उसका प्रेम सच्चा है। ऐसा मोनालिसा के लिए मुनासिब होगा संभव नहीं लगता। हालांकि पाकिस्तान की लोकगायिका बंजारिन रेशमा का एक समारोह में गीत सुनकर जिस तरह राजकपूर और सुभाष घई ने उनसे हीरो फिल्म में लंबी जुदाई वाला गीत गवाया जो फिल्म की जान बना तथा उससे रेशमा की व्यापकता बढ़ी।
बहरहाल, खूबसूरती का बाजार गर्म है साधु -संन्यासियों से भरे महाकुंभ में । आने वाले दिनों में यह महाकुंभ और किस रुप में सामने आता है प्रतीक्षा रहेगी। मोनालिसा यदि अभिनय क्षेत्र में जाती हैं और सफल होती है तो महाकुंभ यादगार बन जायेगा।
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