मध्यप्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में निवेश की अपार संभावनाएँ: शिवराज सिंह चौहान

भोपाल। इन्वेस्ट मध्यप्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 के दौरान "सीड टू सेल्फ: इन्वेस्टमेंट अपॉर्च्युनिटी इन एमपी एग्री फूड एंड डेयरी सेक्टर" सत्र में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश खाद्य प्रसंस्करण और कृषि निवेश के लिए देश में अग्रणी राज्य बन सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य में आवश्यक अधोसंरचना और एक लाख हेक्टेयर का लैण्ड बैंक उपलब्ध है, जो इसे निवेशकों के लिए आदर्श स्थान बनाता है।

खाद्य प्रसंस्करण से किसान और उद्योग दोनों होंगे लाभान्वित

श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश टमाटर, मटर, प्याज, लहसुन, मिर्च, गेहूं और चावल उत्पादन में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। लेकिन फसल मूल्य संवर्धन (वैल्यू एडिशन) के अभाव में किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य नहीं मिल पाता। इस स्थिति को सुधारने के लिए फूड प्रोसेसिंग को बढ़ावा देना आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि भारत फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में नवाचार और निवेश को बढ़ावा देता है, तो यह वैश्विक स्तर पर एक लीडर बन सकता है

भारत सरकार द्वारा निवेश को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास

श्री चौहान ने बताया कि भारत सरकार द्वारा फसलों के उत्पादन को बढ़ाने हेतु उन्नत बीज और पौधों की नई किस्मों का विकास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश के कृषि उत्पादों को वैश्विक स्तर पर अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए चावल पर निर्यात शुल्क को शून्य कर दिया गया है, जबकि खाद्य तेल पर आयात शुल्क बढ़ाकर 27% कर दिया गया है। इससे देश की फूड प्रोसेसिंग इकाइयों को बड़ा लाभ मिलेगा। उन्होंने निवेशकों को आश्वस्त किया कि मध्यप्रदेश में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार हरसंभव सहयोग प्रदान करेगी

‘एक जिला-एक उत्पाद’ योजना से विशेष फसलों को मिलेगा बढ़ावा

उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने इन्वेस्टर्स समिट में आए सभी निवेशकों और विशेषज्ञों का स्वागत करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश कृषि और खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बना चुका है। उन्होंने बताया कि राज्य के 27 लाख हेक्टेयर में उद्यानिकी फसलों का उत्पादन किया जा रहा है, जिसे अगले पांच वर्षों में 32 लाख हेक्टेयर तक बढ़ाने और कुल उत्पादन को 500 लाख मीट्रिक टन तक पहुँचाने का लक्ष्य रखा गया है

उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश देश के कुल जैविक उत्पादन में 40% की भागीदारी रखता हैरियावन लहसुन और सुंदरजा आम को अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी पहचान मिल रही है। इसके अलावा, ‘एक जिला-एक उत्पाद’ योजना के तहत राज्य के 52 जिलों में विशिष्ट फसलों की पहचान की गई है

राज्य सरकार ने निवेशकों के लिए बनाई अनुकूल नीतियाँ

राज्य सरकार ने नई निवेश नीतियों को निवेशकों के अनुकूल बनाया है और निवेशकों से सुझाव आमंत्रित किए हैंभूमि आवंटन और अनुमतियों को सुगम बनाने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया गया है, जिससे निवेशकों को कम समय में सभी आवश्यक अनुमतियाँ मिल सकें। सरकार का संकल्प किसानों की आय, रोजगार, निवेश और निर्यात को बढ़ाने का है

खाद्य प्रसंस्करण को मिलेगा बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और सरकारी सहयोग

प्रमुख सचिव, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण अनुपम राजन ने बताया कि प्रदेश में 8 फूड पार्क, 2 मेगा फूड पार्क, 5 कृषि प्रसंस्करण क्लस्टर और 1 लॉजिस्टिक पार्क निवेशकों को उत्कृष्ट अवसर प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में मिनी योजनाओं से लेकर उन्नत फ्रोजन लॉजिस्टिक सिस्टम तक कई प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे किसानों की आय और निर्यात में वृद्धि होगी

उन्होंने यह भी बताया कि निमाड़ क्षेत्र में मिर्च, गुना-राजगढ़ में धनिया, बुंदेलखंड में अदरक, बघेलखंड में हल्दी, बुरहानपुर में केला और जबलपुर, देवास व इंदौर में आलू के क्लस्टर विकसित किए जा रहे हैं। इसके लिए भारत सरकार द्वारा 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिसमें राज्य सरकार आनुपातिक राशि का निवेश करेगी

नवाचार और टेक्नोलॉजी से कृषि क्षेत्र को मिलेगा बढ़ावा

केन्द्रीय कृषि सचिव सुब्रत गुप्ता ने कहा कि फूड प्रोसेसिंग भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है। वर्तमान समय में रेडी-टू-ईट और रेडी-टू-कुक फूड की मांग बढ़ रही है, जिससे भारत वैश्विक स्तर पर अग्रणी भूमिका निभा सकता है। सरकार ने फूड प्रोसेसिंग उद्योग को बढ़ावा देने के लिए 1000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जिससे नए उद्यमियों को सहायता मिलेगी

आयुक्त प्रीति मैथिल ने कहा कि मध्यप्रदेश मसाला फसलों के उत्पादन में देश में प्रथम, फल उत्पादन में द्वितीय और दुग्ध उत्पादन में तृतीय स्थान पर है। राज्य में 11 एग्रो-क्लाइमेटिक जोन, 700 रेलवे स्टेशन, 60 हवाई मार्ग और 9 इनलैंड पोर्ट हैं, जो इसे कृषि और खाद्य प्रसंस्करण के लिए आदर्श निवेश गंतव्य बनाते हैं

इनोवेशन से जुड़े विभिन्न पैनल डिस्कशन में हुआ विचार-विमर्श

📌 "फार्म-टू-मार्केट" पैनल में कृषि उत्पादों की बाजार तक पहुँच, परिवहन की चुनौतियों और टेक्नोलॉजी के उपयोग पर चर्चा की गई।
📌 "टेक्नोलॉजिकल इंटरवेंशन एंड पोस्ट-हार्वेस्ट मैनेजमेंट" पैनल में फसल कटाई के बाद होने वाली समस्याओं और कोल्ड चेन की भूमिका पर प्रकाश डाला गया।
📌 "मार्केट ट्रेंड्स एंड कंज्यूमर प्रेफरेंस" पैनल में जैविक और प्लांट-बेस्ड खाद्य उत्पादों की बढ़ती मांग पर चर्चा की गई।
📌 "फ्रॉम फार्म-टू-वेलनेस" पैनल में न्यूट्रास्यूटिकल फसलों और हर्बल सप्लीमेंट्स के बाजार में विस्तार की संभावनाओं पर बात की गई।
📌 "फूड प्रोसेसिंग ऑपर्च्युनिटीज" पैनल में आपूर्ति श्रृंखला में पारदर्शिता और डिजिटल टेक्नोलॉजी के उपयोग को लेकर सुझाव दिए गए।
📌 "इम्पॉवरिंग फार्मर्स: द फ्यूचर ऑफ एग्री-फाइनेंस" पैनल में किसानों को वित्तीय सहायता और माइक्रोफाइनेंस की संभावनाओं पर चर्चा की गई।

इन्वेस्ट मध्यप्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 में विभिन्न विशेषज्ञों, उद्यमियों और निवेशकों ने खाद्य प्रसंस्करण, कृषि और डेयरी क्षेत्रों में निवेश के अनंत अवसरों पर विचार-विमर्श किया। यह आयोजन मध्यप्रदेश को कृषि और फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा

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