मध्यप्रदेश में पर्यटन की नई उड़ान: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

प्रदेश की प्राकृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों को मिला वैश्विक मंच


भोपाल। मध्यप्रदेश, जिसे भारत के हृदय प्रदेश के रूप में जाना जाता है, अब पर्यटन के स्वर्ण युग की ओर तेजी से अग्रसर हो रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राज्य की समृद्ध प्राकृतिक संपदा, ऐतिहासिक धरोहरें और सांस्कृतिक विविधता इसे देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक बनाती हैं। घने वन, दुर्लभ वन्य जीव, प्राचीन मंदिरों की श्रृंखला और ऐतिहासिक किलों की भव्यता हर वर्ष लाखों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा पर्यटन क्षेत्र में किए गए सुविचारित प्रयासों से निवेश में जबरदस्त वृद्धि हुई है। इससे न केवल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को बल मिला है, बल्कि युवाओं को रोजगार के नये अवसर भी प्राप्त हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी भी इस बात को रेखांकित कर चुके हैं कि मध्यप्रदेश को एक प्रतिष्ठित विदेशी मैग्जीन ने दुनिया के श्रेष्ठ पर्यटन स्थलों में शामिल किया है।

संरक्षित धरोहरें और वैश्विक पहचान

मध्यप्रदेश में 24 वन्यजीव अभयारण्य, 12 राष्ट्रीय उद्यान, 9 टाइगर रिज़र्व और 14 विश्व धरोहर स्थल स्थित हैं, जो इसे जैव विविधता के लिहाज से देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करते हैं। इसके अलावा, उज्जैन स्थित दक्षिणमुखी महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग और ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग श्रद्धालुओं के लिए अनंत आस्था के केंद्र बने हुए हैं।

राज्य सरकार द्वारा संरक्षित इन धरोहरों को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए कई योजनाओं को लागू किया गया है। इससे मध्यप्रदेश अब अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करवा रहा है।

पर्यटन अधोसंरचना को नई दिशा

पर्यटन के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए सरकार ने व्यापक कदम उठाए हैं। 758 हेक्टेयर भूमि पर्यटन परियोजनाओं के लिए चिन्हित की गई है, जिसमें से 39 निवेशकों को 358 हेक्टेयर भूमि आवंटित की जा चुकी है। इससे राज्य में नई होटल श्रृंखलाएं, रिसॉर्ट्स, गोल्फ कोर्स और अत्याधुनिक सुविधाओं का विस्तार हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि पर्यटन नीति-2025 और फिल्म पर्यटन नीति-2025 को लागू करने से निवेशकों के लिए आकर्षक अवसर खुल रहे हैं। इन नीतियों के प्रभाव से अब तक 3,372 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आ चुके हैं, जिससे 50,500 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की संभावना है।

फिल्म निर्माताओं की पहली पसंद बना मध्यप्रदेश

अपनी प्राकृतिक भव्यता और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के कारण मध्यप्रदेश फिल्म निर्माताओं के लिए पसंदीदा शूटिंग डेस्टिनेशन बनता जा रहा है। अब तक 185 से अधिक फिल्मों और 40 से अधिक अन्य प्रोजेक्ट्स की शूटिंग यहां संपन्न हो चुकी है।

चंदेरी, ग्वालियर और भोपाल जैसे ऐतिहासिक शहरों में हुई फिल्मों की शूटिंग के कारण पर्यटन को नए पंख मिले हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा दी जा रही विशेष सुविधाओं और अनुदानों के चलते आने वाले वर्षों में फिल्म पर्यटन में और अधिक वृद्धि होने की संभावना है।

नए निवेश से बढ़ेगा रोजगार

राज्य सरकार ने पर्यटन विकास के लिए 1,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि चिन्हित की है। इससे न केवल निवेश की नई धाराएं खुलेंगी, बल्कि पर्यटन से जुड़े अनेक प्रोजेक्ट्स विकसित होंगे और लाखों लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विश्वास जताया कि मध्यप्रदेश आने वाले समय में भारत के पर्यटन उद्योग का केंद्र बिंदु बनेगा और यह राज्य न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता बल्कि समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के कारण भी विश्वभर में अपनी अलग पहचान बनाएगा।

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