आईटी क्षेत्र में 64 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव, 1.8 लाख रोजगार के अवसर
भोपाल। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS)-भोपाल ने मध्यप्रदेश को टेक्नोलॉजी और इनोवेशन का नया केंद्र बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। इस समिट में आईटी और टेक्नोलॉजी सेक्टर के लिए 64 हजार करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिससे 1.8 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने GIS-भोपाल में कहा कि भारत के विकास में 3T—टेक्सटाइल, टूरिज्म और टेक्नोलॉजी की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इसी दिशा में मध्यप्रदेश पारंपरिक औद्योगिक राज्य की छवि से आगे बढ़ते हुए टेक्नोलॉजी और इनोवेशन हब बनने की ओर अग्रसर हो चुका है।
GIS-भोपाल: डिजिटल युग की नई शुरुआत
GIS-भोपाल में पहली बार आईटी एवं टेक्नोलॉजी समिट का आयोजन किया गया, जिसमें दुनिया के टेक लीडर्स, उद्योग विशेषज्ञों, निवेशकों, इनोवेटर्स और स्टार्टअप्स ने भाग लिया। इस समिट में राज्य को टेक्नोलॉजी के नए केंद्र के रूप में स्थापित करने का संकल्प लिया गया।
GIS-भोपाल के माध्यम से डिजिटल कन्वर्जेंस टेक्नोलॉजीज, थोलोन्स, एलसीना, श्रीटेक, केन्स टेक्नोलॉजी और बियॉन्ड स्टूडियोज जैसी कंपनियों ने मध्यप्रदेश में निवेश करने की घोषणा की। इसके अलावा, आईबीएम, माइक्रोसॉफ्ट और बार्कलेज जैसी ग्लोबल टेक कंपनियों ने भी राज्य में निवेश की रुचि दिखाई। राज्य सरकार ने इन कंपनियों के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए, जिससे टेक्नोलॉजी, स्किल डेवलपमेंट और इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा।
आईटी सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देने के लिए नई नीतियां लागू
GIS-भोपाल में विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विभाग की नवीन नीति का शुभारंभ किया गया। राज्य को आईटी और टेक्नोलॉजी निवेश हब बनाने के लिए मध्यप्रदेश एनीमेशन, वीआर, गेमिंग, कॉमिक्स और विस्तारित रियलिटी नीति-2025, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCC) नीति-2025, सेमीकंडक्टर नीति-2025 और ड्रोन संवर्धन एवं उपयोग नीति-2025 को लॉन्च किया गया।
इन नीतियों में आईटी और टेक्नोलॉजी सेक्टर में निवेश को आकर्षित करने के लिए वित्तीय और गैर-वित्तीय प्रावधान किए गए हैं। भविष्य की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए इन नीतियों को व्यापक और दूरदर्शी बनाया गया।
सेमीकंडक्टर और ड्रोन टेक्नोलॉजी में मध्यप्रदेश की नई उड़ान
GIS-भोपाल में इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन एंड मैन्युफैक्चरिंग, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स, एनिमेशन-विजुअल इफेक्ट्स-गेमिंग-कॉमिक्स (AVGC) और एक्सटेंडेड रियलिटी, सेमीकंडक्टर और ड्रोन टेक्नोलॉजी जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई।
राज्य सरकार ने सेमीकंडक्टर निर्माण और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को बढ़ावा देने तथा ड्रोन टेक्नोलॉजी को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष कदम उठाए हैं। इस समिट में ड्रोन टेक्नोलॉजी के उपयोग को लेकर संभावित रणनीतियों पर गहन विचार-विमर्श किया गया।
आईटी और टेक्नोलॉजी सेक्टर में युवाओं के लिए नए स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आईटी और टेक्नोलॉजी सेक्टर में युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए नए स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम शुरू करने की घोषणा की। इन कार्यक्रमों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), डेटा साइंस, साइबर सिक्योरिटी, ब्लॉकचेन और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
डॉ. यादव ने कहा, "GIS-भोपाल न केवल निवेश आकर्षित करने का मंच बना, बल्कि यह विचार मंथन, नीति निर्माण और भविष्य की दिशा तय करने का एक सशक्त माध्यम भी साबित हुआ है।"
GIS-भोपाल: निवेश, नवाचार और अवसरों का संगम
GIS-भोपाल में पहली बार 6 विभागीय समिट का आयोजन किया गया। आईटी एवं टेक्नोलॉजी समिट में उद्यमियों और स्टार्टअप्स के लिए 4 विशेष सत्र आयोजित किए गए, जिनमें राज्य की नीतियों पर सीधा संवाद किया गया और निवेश के नए अवसरों की रूपरेखा तैयार की गई।
GIS-भोपाल ने साबित कर दिया कि मध्यप्रदेश अब टेक्नोलॉजी और डिजिटल इनोवेशन का एक प्रमुख केंद्र बनने की राह पर है। यह समिट राज्य के डिजिटल भविष्य के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी और मध्यप्रदेश को नवाचार, टेक्नोलॉजी और अवसरों की नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।
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