जबलपुर/बरगी नगर। ग्राम पंचायत स्तर पर नल जल योजना जैसी मूलभूत सुविधा में भी भ्रष्टाचार और लापरवाही की पराकाष्ठा देखने को मिली है। ग्राम पंचायत चारघाट में नल जल योजना के नाम पर लाखों रुपये की हेराफेरी का मामला उजागर हुआ है। पंचायत अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी बिलों और वाउचरों के जरिए पेयजल योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया है।
जनसुनवाई में खुला भ्रष्टाचार का मामला
चारघाट निवासी दानीराम मराठा और मनोज अग्रवाल ने 19 नवंबर 2024 को कलेक्टर जनसुनवाई में इस घोटाले की शिकायत दर्ज कराई थी। कलेक्टर के निर्देश पर जिला एवं जनपद पंचायत की संयुक्त जांच टीम गठित की गई, जिसने अपनी रिपोर्ट में लाखों रुपये के गबन की पुष्टि की।
जांच में उजागर हुई वित्तीय अनियमितताएँ
जांच दल में जनपद उपयंत्री आशीष द्विवेदी, पंचायत समन्वय अधिकारी संजय नेमा और जगन्नाथ परसते शामिल थे। उनकी रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि ग्राम पंचायत चारघाट ने वित्त आयोग की गाइडलाइनों का उल्लंघन कर अवैध भुगतान किया।
गाइडलाइन के अनुसार, कुछ कार्य अनुमत नहीं थे, फिर भी पंचायत ने उन्हें मंजूरी दी। मध्य प्रदेश पंचायत (सामग्री एवं माल क्रय नियम, 1999) का पालन नहीं किया गया, जिससे भ्रष्टाचार स्पष्ट हुआ। इसके अलावा, तत्कालीन उपयंत्री और सहायक यंत्री (पीएचई विभाग) द्वारा अधिक मूल्यांकन एवं सत्यापन कर कार्य एजेंसी को लाभ पहुंचाने का मामला भी सामने आया।
16 लाख से अधिक की गड़बड़ी
संयुक्त जांच दल ने आठ प्रमुख बिंदुओं पर विस्तृत जांच की, जिसमें ₹16,37,039 (सोलह लाख सैंतीस हजार उनतीस रुपए) का गबन सामने आया। इसकी वसूली ग्राम पंचायत चारघाट से किए जाने की सिफारिश की गई है।
घोटाले की प्रमुख अनियमितताएँ
- नलकूप खनन में गड़बड़ी:
- ₹9.30 लाख की मंजूरी के बावजूद ₹13,20,072 का भुगतान किया गया।
- ₹3.90 लाख का फर्जीवाड़ा पाया गया।
- जीआई पाइप विस्तारीकरण:
- ₹60,744 का अतिरिक्त भुगतान किया गया।
- पैनल बॉक्स की खरीदी:
- ₹10,930 का फर्जी भुगतान।
- एचडीपीई पाइप खरीदी:
- ₹80,239 की अनियमितता।
- भूमि खुदाई व पाइपलाइन कार्य:
- ₹1,11,510 की हेराफेरी।
- गैर अनुमत कार्यों पर खर्च:
- 15वें वित्त आयोग के तहत हैंडपंप खनन, ट्यूबवेल खनन, मोटर पंप मरम्मत प्रतिबंधित थी, फिर भी ₹9.30 लाख खर्च किए गए।
- पाइपलाइन विस्तारीकरण:
- फाइलें गायब, मात्र मूल्यांकन प्रपत्र दिया गया।
- ₹3.09 लाख की गड़बड़ी मिली।
अधिकारियों का बयान
पंचायत इंस्पेक्टर उमेश मेहरा (जनपद पंचायत जबलपुर) ने बताया कि "जांच में आर्थिक अनियमितताएँ पाई गई हैं, जिनका रिकवरी प्रतिवेदन जिला पंचायत को भेजा गया है। आगे की कार्रवाई वहीं से होगी।"
मुख्य कार्यपालन अधिकारी विनोद पांडे (जनपद पंचायत जबलपुर) ने कहा, "इस संबंध में विस्तृत निष्कर्ष कार्यालय में उपलब्ध है, जिसे देखने के लिए वहां आना होगा।"
अब आगे क्या?
ग्राम पंचायत चारघाट में इस बड़े घोटाले के उजागर होने के बाद प्रशासन पर गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई करने का दबाव बढ़ गया है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यदि इस मामले में ठोस कदम नहीं उठाए गए तो यह भ्रष्टाचार की नई मिसाल बन जाएगा। अब देखना होगा कि जिला पंचायत व अन्य जिम्मेदार अधिकारी इस पर क्या कार्रवाई करते हैं।
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