रेलवे की गति को शक्ति देने वाला बजट: नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ता भारतीय रेल


जबलपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल के आरंभ में ही परिवर्तन की लहर स्पष्ट दिखाई देने लगी थी। वर्ष 2047 तक विकसित भारत के निर्माण हेतु एक ऐसे समावेशी वातावरण की आवश्यकता है, जहां परंपरागत सोच को त्यागकर आधुनिक विचारों को अपनाया जाए और नवाचारों को बढ़ावा मिले। इसी दृष्टिकोण को साकार करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में भारतीय रेलवे को विशेष प्राथमिकता दी है।

भारतीय रेल—देश की जीवनरेखा और परिवहन का सबसे सशक्त माध्यम—नए विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली है। खासतौर पर मध्यम वर्ग, जो रेलवे का प्रमुख उपभोक्ता है, इस बदलाव से सर्वाधिक लाभान्वित होगा। यही कारण है कि करोड़ों लोग रेलवे के आधुनिकीकरण और विस्तार पर निगाहें टिकाए रहते हैं।

ऐतिहासिक रेल परियोजनाओं की नई उड़ान

जम्मू से कश्मीर तक की रेल कनेक्टिविटी का साकार होना और तमिलनाडु के पंबन चैनल पर नवीनतम तकनीक से निर्मित पुल की सफलता, भारतीय रेलवे के गौरवशाली इतिहास में मील का पत्थर साबित हुई है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के प्रभावी नेतृत्व में भारतीय रेल ने कठिन चुनौतियों पर विजय प्राप्त कर कश्मीर घाटी को राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जोड़ने का कार्य पूरा कर लिया है। वहीं, पंबन चैनल पर बना नया पुल रामेश्वरम को एक बार फिर मुख्य रेलवे तंत्र से जोड़ने में सफल हुआ है। इन परियोजनाओं के उद्घाटन की संभावना शीघ्र ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की जा सकती है।

रेलवे के लिए ऐतिहासिक बजटीय प्रावधान

वित्त वर्ष 2025-26 में भारतीय रेलवे को ₹2,52,200 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है, जबकि कुल पूंजीगत व्यय (Capex) ₹2,65,200 करोड़ निर्धारित किया गया है। यह सरकार की रेल परियोजनाओं के प्रति गंभीरता को दर्शाता है। वर्ष 2009-14 के दौरान यह पूंजीगत व्यय मात्र ₹45,900 करोड़ था, जो अब कई गुना बढ़ चुका है।

रेलवे के विस्तार और आधुनिकीकरण के लिए विभिन्न योजनाएं बनाई गई हैं। इस वित्तीय वर्ष में नई रेल लाइनों के निर्माण हेतु ₹32,235.24 करोड़ आवंटित किए गए हैं, जबकि 2009-14 में यह औसत वार्षिक बजट मात्र ₹5,075 करोड़ था। गेज परिवर्तन के लिए ₹4,550 करोड़ तथा रोलिंग स्टॉक के लिए ₹57,693 करोड़ निर्धारित किए गए हैं। इन प्रावधानों के माध्यम से सैकड़ों वंदे भारत एक्सप्रेस, नमो भारत रैपिड रेल और अमृत भारत ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जाएगी।

भारतीय रेलवे में सुरक्षा और संरचना का उन्नयन

रेलवे में सुरक्षा सर्वोपरि मानी जाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए, वित्त वर्ष 2025-26 में सुरक्षा परियोजनाओं के लिए ₹1,16,514 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है। रोड ओवर ब्रिज (ROB) और रोड अंडर ब्रिज (RUB) निर्माण हेतु ₹7,000 करोड़ का आवंटन किया गया है, जबकि 2009-14 के दौरान यह मात्र ₹916 करोड़ था। ट्रैक नवीनीकरण के लिए भी ₹22,800 करोड़ की राशि आवंटित की गई है, जिससे रेलवे संरचना को और अधिक सुदृढ़ बनाया जा सकेगा।

यात्री सुविधाओं में क्रांतिकारी परिवर्तन

भारतीय रेलवे हमेशा आम लोगों की प्राथमिक सवारी रही है। इस बजट में मध्यम और निम्न-मध्यम वर्ग की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए 17,500 गैर-एसी जनरल कोचों के निर्माण का प्रावधान किया गया है, जिससे यात्रा और अधिक सुगम होगी।

एलएचबी कोचों को पारंपरिक कोचों की जगह देने की योजना बनाई गई है, जिससे यात्रा का अनुभव अधिक आरामदायक और सुरक्षित हो सके। वंदे भारत एक्सप्रेस की लोकप्रियता को देखते हुए भारतीय रेलवे ने वंदे भारत स्लीपर ट्रेन तैयार कर ली है, जिसका परीक्षण जारी है। परीक्षण के बाद इसे रेल नेटवर्क में शामिल किया जाएगा, और वित्त वर्ष 2025-27 के दौरान 50 वंदे स्लीपर ट्रेनों का निर्माण किया जाएगा।

रेलवे माल परिवहन की दिशा में बढ़ते कदम

भारतीय रेल न केवल यात्री परिवहन का बल्कि माल परिवहन का भी एक अहम साधन है। इस वर्ष माल ढुलाई का लक्ष्य 1,700 मिलियन टन रखा गया है, जो 2024-25 के अनुमान से 65 मिलियन टन अधिक है। आधुनिक वैगनों के निर्माण पर भी जोर दिया जा रहा है, जिससे विभिन्न वस्तुओं की ढुलाई अधिक प्रभावी और तीव्र गति से हो सके।

कवच प्रणाली: रेलवे की संरक्षा को नई मजबूती

रेलवे की संरक्षा को ध्यान में रखते हुए कवच नामक टक्कर-रोधी तकनीक को विकसित किया गया है। इसे मजबूत बनाने के लिए दिसंबर 2025 तक 10,000 लोकोमोटिव और 3,000 किलोमीटर रेल ट्रैक को कवच प्रणाली से लैस किया जाएगा। यह निर्णय रेलवे को और अधिक सुरक्षित बनाने में सहायक होगा।

रेलवे की प्रगति के पीछे नेतृत्व की दूरदृष्टि

भारतीय रेलवे के इस अभूतपूर्व कायाकल्प के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदृष्टि और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की रणनीतिक सोच का अहम योगदान है। रेलवे केवल तात्कालिक आवश्यकताओं को पूरा करने तक सीमित नहीं है, बल्कि दीर्घकालिक योजनाओं के माध्यम से यह परिवहन व्यवस्था को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के प्रयास में जुटी है।

इस बजट में की गई घोषणाएं यह दर्शाती हैं कि भारतीय रेलवे केवल गति नहीं, बल्कि शक्ति भी प्राप्त कर रही है, जिससे यह देश की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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