जबलपुर। दिवंगत दादा ईश्वरदास रोहाणी जी की पुण्य स्मृति में दादा ईश्वरदास रोहाणी सेवा समिति द्वारा श्री शिव महापुराण कथा, श्री शिवमहायज्ञ एवं असंख्य रूद्री (शिवलिंग) निर्माण का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन 20 फरवरी से 26 फरवरी 2025 तक सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल प्रांगण, रांझी में केंट विधायक श्री अशोक रोहाणी के निर्देशन में संपन्न हो रहा है।
महाशिवरात्रि के दिन होगा विशेष अनुष्ठान
कार्यक्रम के अंतिम दिवस, 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर प्रातः 8 से 10 बजे तक रूद्री शिवलिंग निर्माण किया जाएगा। इसके बाद 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक कथा का समापन होगा एवं दोपहर 12 बजे विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा, जिसका शुभारंभ विधायक श्री अशोक रोहाणी द्वारा किया जाएगा।
सैकड़ों शिवलिंग निर्माण व भंडारे में हजारों श्रद्धालुओं ने लिया भाग
कार्यक्रम के छठवें दिन, प्रातः 9 बजे से सैकड़ों रूद्री शिवलिंगों का निर्माण किया गया। इसके पश्चात दोपहर 12 से 1 बजे तक संगीतमय शिव भक्ति का आयोजन हुआ। श्रद्धालु शिव भजनों में भाव-विभोर होकर भक्ति रस में लीन हो गए। तत्पश्चात विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।
"मानवता की सेवा ही सच्ची ईश्वर भक्ति" : स्वामी अशोकानंद जी
कार्यक्रम में स्वामी अशोकानंद जी महाराज ने शिव महापुराण की महत्ता बताते हुए कहा कि "इस पुराण में वर्णित है कि हर व्यक्ति को अपने जीवन में दीन-दुखियों की सेवा करनी चाहिए, क्योंकि पीड़ित मानवता की सेवा, स्वयं ईश्वर की सेवा के समान है।" उन्होंने कहा कि धर्म का वास्तविक अर्थ मात्र पूजा-पाठ नहीं, बल्कि जरूरतमंदों की सहायता करना और मानव कल्याण के लिए कार्य करना है।
कार्यक्रम में गणमान्य जनों की रही उपस्थिति
इस अवसर पर विधायक अशोक रोहाणी, सचिन जैन सहारा, दामोदर सोनी, पुष्पराज सिंह सेगर, सुधीर बेन, मिक्की शर्मा, हैप्पी सिंह, श्रीमती सुमन बर्मन, दशरथ पटेल, प्रभाशंकर कुशवाहा, ब्रजलाल श्रीपाल, राकेश लखेरा, पवन रजक, शोभित आनंद, श्रीमती मुन्नी पटेल, आकाश पटेल, श्रीमती सुधा तिवारी, श्रीमती रानी मिश्रा, श्रीमती पुष्पा खुलबे, श्रीमती माधवी लखेरा, कैलाश रजक, दशरथ रजक, पप्पू सोनकर, बबलू लालपुरी, गुड्डा दुबे सहित अनेक कार्यकर्ता एवं श्रद्धालु उपस्थित रहे।
यह आयोजन श्रद्धालुओं के लिए आस्था और भक्ति का एक दिव्य संगम बना हुआ है, जहां शिव महापुराण की कथा, रूद्री शिवलिंग निर्माण, भजन-कीर्तन और भंडारे के माध्यम से धर्म एवं सेवा की भावना को बल दिया जा रहा है।
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