मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लिया समाज के सर्वांगीण विकास का संकल्प


महाकुंभनगर। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को आध्यात्मिक, सांस्कृतिक एवं आस्था के महासंगम महाकुंभ में त्रिवेणी संगम के पवित्र जल में आह्लादकारी स्नान कर समाज के प्रत्येक वर्ग की उन्नति और समृद्धि हेतु मंगलकामनाएँ अर्पित कीं।

स्नान के पश्चात, मुख्यमंत्री ने कहा, "आज मैं तीर्थराज प्रयाग की इस पुण्यभूमि पर उपस्थित होकर प्रदेशवासियों की ओर से आस्था की इस दिव्य तरंग में स्वयं को निमज्जित कर एक अविस्मरणीय आध्यात्मिक अनुभव का साक्षी बना हूँ। यह स्थल सनातन संस्कृति की आत्मा का जीवंत प्रतीक है, जहाँ श्रद्धा का अद्भुत प्रवाह सतत प्रवाहित हो रहा है।"

इस विशेष अवसर पर मुख्यमंत्री के परिवारजन भी उनके साथ उपस्थित रहे। उन्होंने महाकुंभ की दिव्यता, भव्यता तथा सुव्यवस्थित आयोजन की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए इसे भारत की गौरवशाली सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक धरोहर का अनुपम संगम बताया।


मुख्यमंत्री ने श्रद्धा-भाव से संगम में डुबकी लगाते हुए यह शुभेच्छा व्यक्त की, "इस पावन जलधारा में माँ गंगा एवं माँ यमुना का आशीष सदा विद्यमान रहता है। इस धरा पर उपस्थित होकर मैं मध्य प्रदेश की जनता के उज्ज्वल भविष्य, युवाओं के सशक्तिकरण, बेरोजगारों के लिए नवसृजनात्मक अवसर एवं समाज के प्रत्येक वर्ग की सतत उन्नति हेतु प्रार्थना करता हूँ।"

त्रिवेणी संगम की आध्यात्मिक ऊर्जा को आत्मसात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुंभ मात्र एक धार्मिक आयोजन नहीं, अपितु यह भारत की शाश्वत सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक एकता का अनुपम प्रतीक है।

डॉ. यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस दिव्य आयोजन की अभूतपूर्व सफलता के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ प्रेषित करते हुए कहा कि यह आयोजन न केवल देश की सांस्कृतिक महिमा को प्रकट करता है, बल्कि हमारी सनातन परंपरा को वैश्विक मंच पर गौरवान्वित भी करता है।

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