नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के चीन को लेकर दिए गए बयान पर राजनीतिक बवाल मच गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे भारतीय सेना और गलवान के शहीदों का अपमान बताते हुए कांग्रेस से स्पष्टीकरण मांगा है। वहीं, कांग्रेस ने पित्रोदा के बयान से किनारा करते हुए कहा कि यह पार्टी का आधिकारिक विचार नहीं है।
भाजपा ने कांग्रेस पर लगाए गंभीर आरोप
भाजपा प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत वैश्विक मंच पर एक मजबूत शक्ति बनकर उभर रहा है, लेकिन कुछ ताकतें देश की इस तरक्की को रोकने के लिए साजिशें रच रही हैं।
भाजपा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस चीन के साथ हुए समझौतों और राजीव गांधी फाउंडेशन को चीन से मिली आर्थिक मदद के दबाव में इस तरह की बयानबाजी कर रही है। पार्टी ने कांग्रेस से मांग की कि वह स्पष्ट करे कि क्या पित्रोदा का बयान कांग्रेस की आधिकारिक नीति है या नहीं।
कांग्रेस ने पित्रोदा के बयान से किया किनारा
कांग्रेस ने कहा कि पार्टी की नीति राष्ट्रीय सुरक्षा और भारतीय सेना के सम्मान की रक्षा करने की है और वह चीन को लेकर देश के हितों से कोई समझौता नहीं करेगी।
भाजपा का आरोप: कांग्रेस विदेशी ताकतों के इशारे पर काम कर रही
भाजपा प्रवक्ता ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस विदेशी ताकतों के प्रभाव में काम कर रही है और देश की चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी कारोबारी जॉर्ज सोरोस के संगठन द्वारा भारत में चुनावों को प्रभावित करने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए गए हैं।
इसके अलावा, भाजपा ने कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई पर पाकिस्तान के उच्चायोग से नजदीकी संबंध रखने और भारतीय सेना और वायुसेना को लेकर विवादित बयान देने का भी आरोप लगाया।
सैम पित्रोदा के बयान ने राजनीति में हलचल मचा दी है। भाजपा ने इसे देश के संप्रभुता और सेना के बलिदान का अपमान बताया और कांग्रेस से जवाब मांगा, जबकि कांग्रेस ने पित्रोदा के बयान से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि यह उनकी निजी राय है, पार्टी की नहीं।
अब देखना होगा कि इस मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला कहां तक जाता है ।
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