जबलपुर। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी (ओबीसी विभाग) के प्रदेश उपाध्यक्ष टीकाराम कोष्टा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के कार्यकाल को लेकर बिना तथ्यों की जानकारी के शिक्षा व्यवस्था पर गलत बयानबाजी करना न केवल शर्मनाक है, बल्कि निंदनीय भी है। कांग्रेस इसकी कड़ी भर्त्सना करती है।
टीकाराम कोष्टा ने कहा कि मुख्यमंत्री को पहले अपने कार्यों पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने 21 सितंबर 2023 को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से अतिथि शिक्षकों और संविदा शिक्षकों को नियमित करने की सिफारिश की थी, लेकिन आज तक इस विषय पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इससे यह स्पष्ट होता है कि मुख्यमंत्री की कथनी और करनी में बड़ा अंतर है, जिसे प्रदेश की जनता भली-भांति देख रही है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पिछले 10 वर्षों में मध्य प्रदेश में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को बुरी तरह नजरअंदाज किया गया है। प्रदेश में 25,126 स्कूल बंद कर दिए गए, जिससे हजारों छात्र-छात्राओं की शिक्षा प्रभावित हुई। स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षकों की भारी कमी है, वहीं अस्पतालों में भी डॉक्टरों की संख्या दिन-ब-दिन घटती जा रही है।
दिग्विजय सरकार के समय शिक्षा को मिला बढ़ावा
प्रदेश उपाध्यक्ष टीकाराम कोष्टा के साथ कांग्रेस के अन्य नेताओं, अलीम मंसूरी, विजय अग्रवाल, अस्सू खान, डॉ. मोइन अंसारी, राजेश पटेल, मामूर गुड्डू, धर्मेंद्र कुशवाहा, संजू ठाकुर, लखन श्रीवास्तव, अशोक चौधरी आदि ने कहा कि दिग्विजय सिंह के कार्यकाल में शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक वृद्धि हुई थी।
उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह के शासनकाल में मध्य प्रदेश की साक्षरता दर में 44% की वृद्धि हुई थी, जो एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। उनके शासनकाल में राजीव गांधी साक्षरता मिशन के तहत "पढ़ना- बढ़ना आंदोलन" चलाया गया, जिससे शिक्षा को गांव-गांव तक पहुंचाने का कार्य हुआ।
प्रदेश में लाखों पद खाली, फिर भी भर्ती नहीं
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि मौजूदा सरकार बेरोजगार युवाओं को केवल झूठे सपने दिखा रही है। प्रदेश में लाखों सरकारी पद खाली पड़े हैं, लेकिन सरकार भर्ती करने के बजाय इन्वेस्टर्स समिट के नाम पर युवाओं को गुमराह कर रही है। आज प्रदेश का शिक्षित युवा रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में पलायन करने को मजबूर है, लेकिन सरकार इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान देने के बजाय केवल राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप में व्यस्त है।
कांग्रेस ने मुख्यमंत्री से मांग की कि वे पहले अपने किए गए वादों को पूरा करें और शिक्षा व रोजगार के मुद्दे पर ठोस कदम उठाएं, बजाय इसके कि वे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर बेबुनियाद आरोप लगाएं।
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