पटना। बिहार विधानसभा में सोमवार को विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने राज्य की वर्तमान सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए खुद को 'नए बिहार' के निर्माण के लिए समर्पित नेता बताया। उन्होंने कहा कि उनके पास "एक स्पष्ट दृष्टि, एक विशेष मिशन और एक अटूट जुनून" है, जिससे वे बिहार को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए तैयार हैं।
तेजस्वी यादव ने मौजूदा एनडीए सरकार को "पुरानी सरकार" करार देते हुए कहा कि राज्य अब बदलाव की ओर बढ़ रहा है और 2025 में बिहार को देश के सबसे युवा प्रदेश होने का पूरा लाभ उठाना चाहिए।
"मुझे बच्चा कहकर न आंके, मैं मन से सच्चा हूं"
बजट पर बहस के दौरान अपने 40 मिनट के भाषण में तेजस्वी यादव ने सरकार के विकास के दावों को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा, "मेरे आलोचक मुझे बच्चा कहकर नकारने की कोशिश करते हैं, लेकिन जनता जानती है कि मैं मन का सच्चा हूं। बिहार को इस पुरानी सरकार से छुटकारा दिलाने का समय आ गया है। मेरे पास एक नया बिहार बनाने का विजन, एक विशेष मिशन और एक अमर जुनून है।"
तेजस्वी यादव ने 2020 विधानसभा चुनावों में महागठबंधन का नेतृत्व करने की अपनी संभावनाओं को मजबूत करते हुए नीतीश सरकार की उपलब्धियों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नौ गुना बढ़े बजट के आकार पर अपनी ही वाहवाही कर रही है, लेकिन वास्तविकता यह है कि 1990 में 3,000 करोड़ रुपये से 2005 में यह 27,000 करोड़ रुपये तक पहुंचा था, जो तब था जब राजद सत्ता में थी।
उन्होंने आगे कहा, "अगर तुलना करें, तो एनडीए शासन के दौरान बजट 27,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 2.78 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, लेकिन इसके बावजूद राज्य कर्ज में डूबा हुआ है। हर दिन 56 करोड़ रुपये ब्याज के रूप में देना पड़ रहा है, और केंद्र सरकार का सौतेला व्यवहार बिहार के साथ जारी है।"
"भाजपा जातीय-धार्मिक विभाजन को बढ़ा रही है"
तेजस्वी यादव ने भाजपा और एनडीए पर जाति और धर्म के नाम पर समाज को बांटने का आरोप लगाया। उन्होंने नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि सांप्रदायिक दंगों के मामलों में बिहार देश में दूसरे स्थान पर है, जबकि पहले स्थान पर भाजपा शासित महाराष्ट्र है।
उन्होंने भाजपा को चुनौती दी कि "अगर पार्टी में हिम्मत है, तो वह आगामी विधानसभा चुनाव में जेडीयू से गठबंधन तोड़कर अकेले चुनाव लड़े और स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के सपने को पूरा करे कि बिहार में भाजपा का खुद का मुख्यमंत्री बने।"
"नीतीश कुमार के बिना भाजपा कुछ नहीं"
"मुख्यमंत्री ने राष्ट्रगान का अपमान किया, भाजपा चुप क्यों?"
क्या बिहार में बड़े राजनीतिक बदलाव के संकेत हैं?
तेजस्वी यादव के इस आक्रामक भाषण से साफ है कि वे 2025 के विधानसभा चुनावों की रणनीति तैयार कर रहे हैं। उन्होंने सरकार की आर्थिक नीतियों, सामाजिक विभाजन और भाजपा-जेडीयू गठबंधन की कमजोरी पर हमला बोलकर खुद को विपक्ष की सबसे मजबूत आवाज के रूप में पेश किया।
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