धरती पर सुस्वागतम सुनीता! 'अंतरिक्ष परी' ने रचा इतिहास, नौ महीने बाद सुरक्षित वापसी


चेन्नई | भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में एक नया अध्याय जोड़ दिया है। जो मिशन केवल आठ दिनों का था, वह तकनीकी समस्याओं के कारण नौ महीने 14 दिनों तक खिंच गया। लेकिन आखिरकार, बुधवार तड़के, जब उनका स्पेसएक्स ड्रैगन फ्रीडम स्पेसक्राफ्ट भारतीय समयानुसार सुबह 3:27 बजे फ्लोरिडा के तट पर उतरा, तो दुनिया भर में वैज्ञानिकों और उनके प्रशंसकों ने राहत और खुशी की सांस ली।

अंतरिक्ष से वापसी का अद्भुत दृश्य

सुनीता विलियम्स और उनके साथी अंतरिक्ष यात्री बुच विल्मोर की सुरक्षित वापसी के दौरान समुद्र तट पर एक अद्भुत दृश्य देखा गया। जैसे ही ड्रैगन फ्रीडम यान ने स्प्लैशडाउन किया, वैसे ही समुद्र में डॉल्फिन का एक झुंड उसे चारों ओर से घेरकर तैरने लगा, मानो वे अंतरिक्ष से लौटे यात्रियों के स्वागत में कोई कुदरती गीत गा रही हों।

आठ दिन की उड़ान, नौ महीने का अंतरिक्ष प्रवास

यह मिशन मूल रूप से आठ दिनों के लिए क्रू फ्लाइट टेस्ट के रूप में निर्धारित था, लेकिन बोइंग स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट के थ्रस्टर्स में तकनीकी खराबी के कारण, यह यात्रा लगभग 285 दिनों तक खिंच गई। इस अवधि में, अंतरिक्ष यात्रियों ने आईएसएस पर कई महत्वपूर्ण प्रयोगों और अनुसंधानों में योगदान दिया

स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन कैप्सूल चार पैराशूट की मदद से चार अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर लौटा। इनमें नासा के अंतरिक्ष यात्री निक हेग और रूसी कॉस्मोनॉट अलेक्जेंडर गोर्बुनोव भी शामिल थे, जो हाल ही में आईएसएस में शामिल हुए थे और अब उनकी जगह ले रहे हैं।

वैज्ञानिक समुदाय में खुशी की लहर

नासा और अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक समुदाय के लिए यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि रही। जैसे ही स्प्लैशडाउन हुआ, वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और दुनिया भर में इस दृश्य को लाइव देख रहे लोगों में हर्ष की लहर दौड़ गई। भारत में भी सुनीता विलियम्स की सुरक्षित वापसी के लिए विशेष प्रार्थनाएं की गईं और कई जगहों पर पटाखे फोड़े गए

नासा की कार्यवाहक प्रशासक जेनेट पेट्रो ने कहा,
"हम सुनीता और उनके साथियों की सुरक्षित वापसी पर बेहद रोमांचित हैं। उनका लंबा मिशन न केवल वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए महत्वपूर्ण था, बल्कि यह भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए भी सीख का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बनेगा।"

आईएसएस पर 285 दिन, 4,576 परिक्रमाएं, 121 मिलियन मील की यात्रा

न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, इस मिशन में सुनीता विलियम्स और उनके साथी 285 दिन अंतरिक्ष में रहे, पृथ्वी की 4,576 परिक्रमाएं पूरी कीं और 121,347,491 मील की दूरी तय की

अब, सुनीता और अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को फ्लोरिडा के तट से नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर, ह्यूस्टन ले जाया जाएगा, जहां वे अपने परिवारों से पुनर्मिलन करेंगे और जरूरी चिकित्सकीय जांच कराएंगे।

भविष्य की प्रेरणा

यह मिशन अंतरिक्ष यात्राओं की अनिश्चितताओं को दर्शाता है, लेकिन यह भी साबित करता है कि वैज्ञानिक और इंजीनियरों की लगन एवं समर्पण से हर चुनौती को पार किया जा सकता है। सुनीता विलियम्स की यह यात्रा अंतरिक्ष विज्ञान में भारत और दुनिया के युवाओं के लिए एक प्रेरणा बनी रहेगी।

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