सिंदूरी आभा में रँगे पंचमुखी हनुमान: जबलपुर में श्रद्धा की अनूठी छटा

जबलपुर। रांझी के बजरंग नगर स्थित दुर्गा मंदिर में इस वर्ष भी हनुमान जयंती पर पंचमुखी हनुमान जी की प्रतिमा को सिंदूर का चोला चढ़ाकर भव्य पूजन-अर्चन किया गया। दुर्गा मंदिर समिति के उपाध्यक्ष रामदास यादव ने बताया कि यह आयोजन प्रतिवर्ष की भांति इस बार भी श्रद्धा और भक्ति के साथ संपन्न हुआ।

सुबह से ही मंदिर परिसर में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। पंचमुखी हनुमान जी की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराकर, चमेली के तेल में मिश्रित सिंदूर से चोला चढ़ाया गया। इसके पश्चात सुंदरकांड पाठ, हवन, आरती और पूजन विधि-विधानपूर्वक संपन्न हुए। 

पूजन के उपरांत विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें हनुमान जी को भोग अर्पित करने के बाद सैकड़ों श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया। भक्तों ने पंक्तिबद्ध होकर प्रसाद ग्रहण किया और भक्ति भाव से वातावरण गुंजायमान हो उठा।


इस आयोजन में समिति के संरक्षक श्याम लाल दुबे, ओ पी श्रीपाल, के पी चतुर्वेदी, हरि सिंह ठाकुर, छोटे लाल यादव, शिमलू राजभर, मूर्ति पहलवान, पंचम पटेल, कैलाश रजक, बंटी ठाकुर, उमाशंकर गुप्ता, संतोष यादव, मनोज सोनी, तारा दुबे, मनीष परसाई, रिंकू ठाकुर, सीताराम सैनी, हरी रिक्की सहित बड़ी संख्या में युवा उपस्थित रहे।

हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाने की परंपरा के पीछे एक पौराणिक कथा है। कहा जाता है कि एक बार हनुमान जी ने माता सीता को मांग में सिंदूर लगाते देखा और कारण पूछा। माता सीता ने बताया कि यह उनके पति श्रीराम की दीर्घायु के लिए है। यह सुनकर हनुमान जी ने सोचा कि यदि थोड़ा सा सिंदूर श्रीराम की आयु बढ़ा सकता है, तो पूरे शरीर पर सिंदूर लगाने से उनकी आयु और अधिक बढ़ेगी। उन्होंने पूरे शरीर पर सिंदूर लगा लिया। 

इस घटना से प्रसन्न होकर श्रीराम ने हनुमान जी को आशीर्वाद दिया कि जो भी भक्त उन्हें सिंदूर चढ़ाएगा, उसे उनकी विशेष कृपा प्राप्त होगी। तभी से हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाने की परंपरा चली आ रही है।

हनुमान जयंती के इस पावन अवसर पर रांझी के दुर्गा मंदिर में आयोजित कार्यक्रम ने भक्तों के बीच भक्ति और श्रद्धा की भावना को और भी प्रगाढ़ किया। मंदिर परिसर में गूंजते भजन और मंत्रोच्चार ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया। 

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