समाज सुधार की ज्वाला को अमर रखने का संकल्प : शरद यादव विचार मंच

जबलपुर। शहर की न्यायिक नगरी में अंबेडकर जयंती के उपलक्ष्य में, शरद यादव विचार मंच ने अपने नैतिक कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर को आदरांजलि समर्पित की। अंबेडकर चौक, हाईकोर्ट परिसर में स्थित उनकी प्रतिमा पर मंच के सदस्यों ने पुष्पांजलि अर्पित की और उनके विचारों की अमरता को याद किया।

इस गौरवमयी अवसर पर मंच के अध्यक्ष समाजवादी राम रतन यादव ने कहा कि बाबा साहब का सम्पूर्ण जीवन सामाजिक विषमताओं के खिलाफ अनवरत संघर्ष का प्रतीक रहा है। वे केवल संविधान निर्माता ही नहीं, बल्कि समाज को समानता, समता और स्वाभिमान का संबल देने वाले युगपुरुष थे। उनका जीवन एक मशाल की तरह है, जो हर उस मनुष्य के लिए राह दिखाती है जो अन्याय और असमानता के विरुद्ध लड़ना चाहता है।



कार्यक्रम में मौजूद विशिष्ट जनों ने भी अपने विचार साझा किए। तहसील चौक पर आयोजित इस श्रद्धांजलि समारोह में मंच के सक्रिय सदस्य बैजनाथ कुशवाहा, घनश्याम यादव, अधिवक्ता सुधीर शर्मा, सरमन रजक, अधिवक्ता अनुराग सिंह, रामकुमार पटेल, सीताराम पटेल, भगवानदास पटेल, नरेश चक्रवर्ती, प्रमोद सेन, राजेश पराग, डॉ. मुस्ताक मंसूरी, धर्मेंद्र कुशवाहा जैसे विचारशील व्यक्तित्वों की उपस्थिति रही।

इन सभी महानुभावों ने एक स्वर में कहा कि बाबा साहब की विचारधारा को केवल स्मरण नहीं, बल्कि जीवन में उतारने की आवश्यकता है। यह केवल एक दिवस का कार्यक्रम नहीं, बल्कि यह एक विचार-आंदोलन है जो समाज में व्याप्त अन्याय, छुआछूत और विषमता के विरुद्ध अलख जगाता है।

मंच ने यह भी स्पष्ट किया कि उनके संघर्ष और विचारों की विरासत को जनमानस तक पहुँचाने का कार्य रुकना नहीं चाहिए। यह उत्तरदायित्व आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक प्रेरणा स्रोत बने, इसके लिए मंच लगातार प्रयासरत रहेगा।

शरद यादव विचार मंच ने संकल्प लिया कि वे बाबा साहब के बताए मार्ग पर चलते हुए सामाजिक समरसता और न्याय की अलख जलाते रहेंगे, ताकि हर नागरिक को समान अवसर और सम्मान प्राप्त हो सके।

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