मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के ताप विद्युत गृहों ने दक्षता में नया कीर्तिमान स्थापित किया: ट्रिपिंग में कमी और उत्पादन लागत में गिरावट

जबलपुर। मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी (MPPGCL) के चार प्रमुख ताप विद्युत गृहों ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में संचालन दक्षता के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। इन संयंत्रों ने न केवल विद्युत उत्पादन में वृद्धि की है, बल्कि ट्रिपिंग की घटनाओं में भी उल्लेखनीय कमी दर्ज की है। इस सफलता का श्रेय तकनीकी उन्नयन, सटीक मेंटेनेंस और प्रभावी संचालन प्रक्रियाओं को दिया जा सकता है।



ट्रिपिंग में निरंतर कमी

MPPGCL के ताप विद्युत गृहों में किए गए सुधार कार्यों और बेहतर मेंटेनेंस के परिणामस्वरूप ट्रिपिंग की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आई है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में केवल 85 ट्रिपिंग दर्ज की गईं, जबकि वर्ष 2019-20 में यह संख्या 150 थी। पिछले पांच वर्षों में तकनीकी उन्नयन और परिचालन प्रक्रियाओं में सुधार के फलस्वरूप विद्युत यूनिट की विश्वसनीयता में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है।

विशिष्ट तेल खपत में कमी

MPPGCL द्वारा विद्युत उत्पादन लागत में कमी लाने के लिए किए गए प्रयासों के परिणामस्वरूप ताप विद्युत यूनिट की विशिष्ट तेल खपत वर्ष 2024-25 में 0.51 मिलीलीटर प्रति यूनिट रही, जो अब तक की न्यूनतम है। इससे परिचालन लागत में कमी आई है और पर्यावरण संरक्षण में भी सहायता मिली है।

ऑक्जलरी कंजम्पशन में सुधार

वर्ष 2024-25 में MPPGCL के ताप विद्युत गृहों ने अब तक का सबसे कम ऑक्जलरी कंजम्पशन 6.91 प्रतिशत हासिल किया है। संचालन के दौरान खपत हो रही ऊर्जा जितनी कम होगी, उतनी ही अधिक विक्रय बिजली (नेट जनरेशन) होगी, जिससे उत्पादन लागत पर सीधा प्रभाव पड़ता है।

प्रभावी प्रबंधन और तकनीकी उन्नयन

MPPGCL के चार ताप विद्युत गृहों में विभिन्न क्षमताओं की कुल 12 ताप विद्युत इकाइयों का समन्वित प्रबंधन अत्यंत प्रभावी ढंग से किया जा रहा है। इन इकाइयों में सुधारात्मक प्रयास कर यह सुनिश्चित किया गया है कि प्रत्येक इकाई से क्षमता अनुसार अधिकतम उपयोग किया जा सके। तकनीकी उन्नयन, सख्त संधारण नियम और प्रभावी प्रबंधन नीतियों के द्वारा ट्रिपिंग की संख्या में कमी आई है और उत्पादन कुशलता में वृद्धि संभव हो पाई है।

प्रशंसा और भविष्य की दिशा

MPPGCL के ताप विद्युत गृहों की इस उपलब्धि पर ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, अपर मुख्य सचिव ऊर्जा श्री नीरज मंडलोई और MPPGCL के प्रबंध संचालक श्री मंजीत सिंह ने सभी इंजीनियरों, तकनीशियनों और संचालन टीम को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि प्रभावी प्रबंधन नीति, तकनीकी उन्नयन और कड़ाई से संचालन नियमों का पालन करने से यह लक्ष्य हासिल किया गया है। 

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