सम्राट विक्रमादित्य महानाट्य: इतिहास की जीवंत पुनर्प्रस्तुति, संस्कृति और शासन के मूल्यों का समर्पित चित्रण


नई दिल्ली। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ऐतिहासिक महानाट्य सम्राट विक्रमादित्य के समापन समारोह में कहा कि लाल किले की प्राचीर पर यह मंचन न केवल एक सांस्कृतिक आयोजन है, बल्कि भारतीय सभ्यता के उस स्वर्णिम अध्याय का उद्घाटन है, जिसने न्याय, नीति और नीतित्व की आधारशिला रखी थी। उन्होंने इसे भारत की लोकतांत्रिक और सुशासन की परंपरा को वैश्विक मंच पर ले जाने वाला कदम बताया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि डिजिटल क्रांति के इस दौर में भी नाट्यकला की प्रासंगिकता अक्षुण्ण बनी हुई है, और सम्राट विक्रमादित्य के जीवन पर आधारित यह भव्य प्रस्तुतिकरण, संस्कृति और विरासत को आमजन तक पहुंचाने में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने मंच पर प्रस्तुत इस महानाट्य को "अतीत के स्वर्णाक्षरों में दर्ज प्रेरणास्रोत" बताया।


विरासत और विकास: दो ध्रुवों को जोड़ती सांस्कृतिक पहल

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में "विरासत के संरक्षण और विकास" के मंत्र की चर्चा करते हुए कहा कि आज का भारत अपने अतीत से प्रेरणा लेते हुए आधुनिकता की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने सम्राट विक्रमादित्य की न्यायप्रियता, वीरता और कलात्मक उन्नति के उदाहरणों को वर्तमान शासन प्रणाली के लिए आदर्श बताया।

महानाट्य: कलात्मक प्रस्तुति के माध्यम से इतिहास की पुनः रचना

उन्होंने कहा कि इस महानाट्य के माध्यम से सम्राट विक्रमादित्य के जीवन के विभिन्न पहलुओं — शासन, धर्म, युद्ध कौशल और संस्कृति को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया है, जो भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्पद है। उन्होंने दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता को कार्यक्रम में समन्वय के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।

विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिष्ठित हस्तियों की उपस्थिति

इस सांस्कृतिक पर्व में राज्यसभा के उपसभापति श्री हरिवंश सिंह, केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय राज्य मंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर, दिल्ली सरकार के मंत्री श्री आशीष सूद, मध्यप्रदेश के मंत्रीगण श्री राकेश सिंह, श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, श्री नरेंद्र शिवाजी पटेल सहित कला, अध्यात्म और राजनीति जगत की कई विभूतियों की उपस्थिति रही।

केंद्रीय नेताओं की प्रतिक्रियाएं: सम्राट विक्रमादित्य की गाथा को राष्ट्रव्यापी पहचान

केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस आयोजन को सम्राट विक्रमादित्य के शासनकाल की गौरवगाथा को राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करने का अभिनव प्रयास बताया और इसे भविष्य में वैश्विक स्तर तक ले जाने की संभावना व्यक्त की। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री की नीतियां सम्राट विक्रमादित्य की सुशासन प्रणाली की याद दिलाती हैं।

राज्यसभा उपसभापति श्री हरिवंश ने कहा कि इतिहास की प्रेरक घटनाएं राष्ट्र निर्माण की दिशा में ऊर्जा प्रदान करती हैं और इस महानाट्य ने अतीत के गौरवशाली प्रसंगों को वर्तमान से जोड़ने का कार्य किया है।

दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता ने इस आयोजन को "एक भारत श्रेष्ठ भारत" की भावना को पोषित करने वाला बताया और मुख्यमंत्री डॉ. यादव का आभार जताया।

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