عرض الرسائل ذات التصنيف शिक्षा साहित्य कला संस्कृति

बाल कविता : दादू जी

दादू जी एक रोज इक बच्ची आई हो गुस्से में लाल, बेरहमी से खींचे उसने दादू जी के गाल। बोली नूडल नहीं ख…

गीत - मेघा, अब तो बरसो रे!

गीत मेघा, अब तो बरसो रे! बरसो रे! बरसो रे! मेघा, अब तो बरसो रे! प्यासी नदिया, ताल-तलैया प्यासे पर्व…

ऑनलाइन पढ़ाई पर संसदीय समिति उठाए सवाल, स्मार्ट फोन से नहीं सेटेलाइट टीवी से हो पढ़ाई

नई दिल्ली/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए स्कूल-कालेज बंद हैं और बच्चों के …

हिंदी पत्रकारिता के इतिहास में माधवराव सप्रे होने के मायने, प्रो.संजय द्विवेदी का ब्लॉग

19 जून, 1871 को मध्य प्रदेश के एक जिले दमोह के पथरिया में जन्मे सप्रेजी एक बहुआयामी व्यक्तित्व के ध…

बाल कविता : पर्यावरण

बाल कविता  पर्यावरण पर्यावरण की रक्षा करना, हम सबकी है जिम्मेदारी। जो इसे किया प्रदूषित, होगी खत्म …

बाल कविता : चिड़िया

बाल कविता  चिड़िया दाना चुग्गा चुगने को, आंगन में आती चिड़िया। मीठा सा प्यारा कलरव, आकर हमें सुनाती च…

बाल कविता : धरती-आकाश

बाल कविता धरती-आकाश पेड़-पौधे कट रहे, आसमां है धुंआ-धुंआ। नदी निर्झर ताल पोखर, रह गए हैं अब कहां? च…

कविता : सब जगह वो

कविता सब जगह वो है सब जगह वो मदद को, कहां नहीं है तुम दौड़कर पहुंचना लगे जहां नहीं है बोझिल मन से घू…

कविता : रूठ कर ना छोड़...

कविता रूठ कर ना छोड़... क्यूं खटेगा मुफ्त में नित बेवजह आराम कर, खूब होंगी मिन्नतें तब अन्नदाता काम …

बाल कविता : बचपन की सीख

बचपन की सीख बचपन होता अलबेला, फिकर नहीं किसी बेला। पढ़ो-लिखो ऊंचा-कूदो, घर के अंदर खेलो लूडो। सीखो ब…

बाल कविता : कट्टो बिल्ली

बाल कविता  कट्टो बिल्ली कट्टो बिल्ली बड़ी चिबिल्ली सौ-सौ चूहे खाती, लार टपकती रहती टप-टप फिर भी बाज…

تحميل المزيد من المشاركات لم يتم العثور على أي نتائج